पूरा देश आज जहां रक्षाबंधन का पर्व मना रहा है, बहनें अपने भाई को राखी बांधने की तैयारी कर रही हैं, वहीं की बहन मीतू सिंह के लिए आज का एक-एक पल बहुत भारी पड़ रहा है। 35 साल में पहला मौका है जब वो कलाई ही नहीं है, जिस पर मीतू सिंह राखी बांध सकें। सुशांत की बहन ने अपना यहीं दर्द सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए जाहिर किया है। उन्होंने लिखा है, पूजा की थाल सजी है, आरती का दीया जल रहा है, हल्दी-चंदन का टीका भी है, मिठाई भी है, राखी भी है, बस वो चेहरा नहीं है जिसकी आरती उतार सकूं।
गुलशन, मेरा बच्चा, आज मेरा दिन है, आज तुम्हारा दिन है, आज हमारा दिन है, आज राखी है। 35 साल के बाद ये पहला अवसर है जब पूजा की थाल सजी है। आरती का दीया भी जल रहा है। हल्दी-चंदन का टीका भी है। मिठाई भी है। राखी भी है। बस वो चेहरा नहीं है जिसकी आरती उतार सकूं। वो ललाट नहीं है जिसपर टीका सजा सकूं। वो कलाई नहीं जिस पर राखी बांध सकूं। वो मुंह नहीं जिसे मीठा कर सकूं। वो माथा नहीं जिसे चूम सकूं। वो भाई नहीं जिसे गले लगा सकूं।
वर्षों पहले जब तुम जब आए थे तो जीवन जगमग हो उठा था। जब थे तो उजाला ही उजाला था। अब जब तुम नहीं हो तो मुझे समझ नहीं आता कि क्या करूं? तुम्हारे बगैर मुझे जीना नहीं आता। कभी सोचा नहीं कि ऐसा भी होगा। ये दिन होगा पर तुम नहीं होगे। ढेर सारी चीजें हमने साथ-साथ सीखी। तुम्हारे बिना रहना मैं अकेले कैसे सीखूं। तुम्हीं कहो।
हमेशा तुम्हारी बहन।