22 बच्चों में से 16 जिंदा जले
आपको बता दें डॉक्टरों का कहना है कि 22 बच्चों में से 16 जिंदा जल गए थे। स्मीमेर अस्पताल के डॉक्टर्स ने इनका 16 घंटे तक पोस्टमार्टम किया। इस काम में अस्पताल के 20 लोगों का स्टाफ लगा। बच्चों की बॉडी देख डॉक्टर नर्सों सबकि रुह कांप गई थी 16 घंटों तक डॉक्टरों ने 16 बच्चों का पोस्टमार्टम किया.
हर अंग इस तरह से जला था कि हमें सैंपल नहीं मिल रहे थे-डॉक्टर
ये तस्वीर देख डॉक्टर ने बताया कि बच्चों के शरीर का हर अंग इस तरह से जला था कि हमें सैंपल नहीं मिल रहे थे। तब दांत के सैंपल लिए. स्मीमेर मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रो. डॉ. संदीप रालोटी ने बताया किउ स रात 16 शवों का पोस्टमार्टम करना बहुत दर्दनाक था। डॉक्टरों को अपनी फीलिंग को कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था। उनके करियर में इस तरह का मंजर कभी नहीं आया था। उनके लिए ऐसे बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम करना बहुत बड़ी चुनौती थी। उन्होंने बताया कि अब तक कई केस आए लेकिन ये केस बहुत भयानक था.