हल्द्वानी-नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के 35 नगर निगम, पालिका एवं पंचायतों में सैकड़ों गांवों को शामिल कर लिया है। इसके लिए न तो योजना तैयार की गई और न नीति बनी। ऐसे में कांग्रेस मनमाने परिसीमन के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी और सुप्रीम कोर्ट तक यह लड़ाई लड़ेगी।
हल्द्वानी विकासखंड के ब्लॉक प्रमुख भोला दत्त भट्ट के नेतृत्व में दर्जनों पंचायत प्रतिनिधि डॉ. इंदिरा से उनके आवास पर मिलने पहुंचे। ब्लॉक प्रमुख भट्ट ने कहा कि हल्द्वानी के ही 31 गांवों को नगर निगम में शामिल किया जा रहा है। शहर से सटे कुछ इलाकों को छोड़ दें तो अधिकांश गांवों में सीवर, पेयजल, सफाई एवं कूड़ा निस्तारण के इंतजाम ही नहीं हैं। न ही सरकार ने यहां के लिए पूर्व में कोई प्लानिंग की।
डॉ. इंदिरा ने कहा कि अभी पंचायत प्रतिनिधियों का दो साल का कार्यकाल शेष है। ऐसे में सरकार को यह हक नहीं कि चुने हुए प्रतिनिधियों को एक आदेश जारी कर अपदस्थ कर दे। यह असंवैधानिक है।
उन्होंने कहा कि निगम में शामिल होने से गांव विकास प्राधिकरण के दायरे में आ जाएंगे और गौशाला एवं टंकी आदि बनाने के लिए नक्शे पास कराने की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ेगी। जो कि अत्यधिक खर्चीली व उलझाऊ है।
मनरेगा का कार्य भी छिन जाएगा ग्रामीणों से
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने विपक्ष को भी इस मुद्दे पर विश्वास में नहीं लिया। मनमाने व बिना प्लानिंग के साथ कराए जा रहे परिसीमन के खिलाफ कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने प्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई आपत्तियों को भी शासन-प्रशासन द्वारा हल्के में निपटा दिए जाने का आरोप लगाया।