देश की सर्वोच्च अदालत ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण पर एक रुपए का जुर्माना लगाया है। उन्हें कोर्ट की अवमानना का दोषी माना गया है। कोर्ट ने एक रुपए का जुर्माना जमा करने के लिए 15 सितंबर तक का समय दिया है।
दरअसल हाल में प्रशांत भूषण ने दो ट्वीट किए। एक ट्वीट में उन्होंने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। प्रशांत भूषण में प्रशांत भूषण ने आरोप लगाए थे कि देश में पिछले छह सालों में लोकतंत्र खत्म कर दिया गया है।
वहीं एक अन्य ट्वीट में प्रशांत भूषण ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे की फोटो को शेयर किया था। इस फोटो में जस्टिस बोबडे एक स्पोर्ट्स बाइक पर बैठ थे। प्रशांत भूषण ने लिखा था कि जज ने न मास्क लगाया है और न ही हेलमेट पहना है। बाद में प्रशांत भूषण ने इस ट्वीट में कुछ और ट्वीट जोड़े और इसमें राजनीतिक दल का नाम भी जोड़ दिया। प्रशांत भूषण के इसी ट्वीट पर एक याचिका दायर हुई जिसमें प्रशांत भूषण पर कोर्ट की अवमानना का आरोप लगा।
कोर्ट ने इस मामले में प्रशांत भूषण को दोषी पाया और पहले माफी मांगने के लिए कहा। हालांकि प्रशांत भूषण ने माफी मांगने से इंकार कर दिया। इसके बाद कोर्ट ने प्रशांत भूषण को सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा है कि अगर प्रशांत भूषण 15 सितंबर तक जुर्माने की रकम जमा नहीं करते हैं तो उन्हें तीन महीने की जेल और तीन साल तक उनके प्रैक्टिस करने पर रोक लगाई जाएगी।