मीटू प्रकरण में फंसे उत्तराखंड बीजेपी के पूर्व संगठन मंत्री संजय कुमार को बचाने की उत्तराखंड पुलिस की कोशिश नाकाम साबित होती दिख रही है। खबरें हैं कि पीड़िता की सुप्रीम कोर्ट को लिखी गई चिट्ठी को कोर्ट ने याचिका के तौर पर स्वीकार कर लिया है।
दरअसल इस पूरे मामले को पहले समझना जरूरी है। कुछ महीनों पूर्व बीजेपी से जुडी़ एक महिला ने अपनी ही पार्टी के संगठन मंत्री संजय कुमार पर बलात्कार और उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इस मामले में संजय कुमार के कई ऑडियो रिकार्डिंग्स भी वायरल हुए थे। इस मामले के सामने आने के बाद महिला पर दबाव पड़ने लगा। चूंकि सत्ता में बीजेपी है लिहाजा पुलिस ने भी महिला की उतनी ही गुहार सुनी जितनी जरूरी थी। बड़ी मश्क्कत के बाद पुलिस ने महिला की रिपोर्ट दर्ज की। इस बीच आरोपी को भाग जाने की खुली छूट दी गई। महिला ने बलात्कार के आरोप लगाए थे। पुलिस ने अपनी जांच में बलात्कार के आरोप को ही खारिज कर दिया और बलात्कार से जुड़ी धाराएं हटा दीं।
इस बीच महिला ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई। महिला ने सुप्रीम कोर्ट को एक पत्र लिखा और उत्तराखंड पुलिस की कार्यप्रणाली की जानकारी दी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने महिला के पत्र पर सख्त रवैया अख्तियार करते हुए पत्र को ही याचिका के तौर पर स्वीकार कर लिया। जाहिर है कि अब ये मसला सुप्रीम कोर्ट की निगहबानी में चलेगा। ऐसे में पुलिस के लिए अब जवाब देना मुश्किल हो जाएगा।