देहरादून। ICFAI विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि सर्वधर्म समभाव व सबका साथ-सबका विकास की भावना ही सच्ची देशभक्ति है। अपनी माता, जन्म भूमि, मातृभाषा व गुरू का सदैव सम्मान करें। छात्र नव-भारत के निर्माण में अपनी भागीदारी निभाएं। उन्होंने कहा कि दुनिया में देश का मान बढ़ा है। हमें इन अवसरों का उपयोग देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि छात्रों को कुछ समय गांवों में बिताना चाहिए। उन्हें स्वच्छ भारत आदि राष्ट्रीय महत्व की योजनाओं में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।
वहीं राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पाल ने कहा कि छात्रों का चरित्र निर्माण, क्लास रूम में होता है और वही से राष्ट्र निर्माण भी होता है। हमारी शिक्षण संस्थाओं और विश्वविद्यालयों को विभिन्न सम-सामयिक चुनौतियों में सकारात्मक भूमिका निभानी होगी, जिससे यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी मजबूती से अपने पैरों पर खड़े हो सकें तथा दुनिया का सामना करें।
छात्रों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि यह अवसर स्नातकों को अपनी दीक्षा व शिक्षा को पूर्णकर दीक्षांत के बाद जीवन के गंतव्य की ओर बढ़ने का है। ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती, यह केवल एक पड़ाव है, जहां आप अपनी शिक्षा पूरी करके जा रहे हैं। इसलिए आपके सामने समाज के लिए कुछ करने और योगदान देने की बड़ी अहम जिम्मेदारियां हैं। किसी भी प्रकार का ज्ञान तभी मूल्यवान है, जब वह इस पृथ्वी पर मनुष्यमात्र के कल्याण व विकास का साधन बनता है।
इस अवसर पर एमबीए, बीटेक, बीबीए, एलएलबी एवं बीएड के स्नातकों को 08 गोल्ड मेडल 08 सिल्वर मेडल प्रदान किये गए। इसके साथ ही विभिन्न पाठ्यक्रमों के कुल लगभग 249 स्नातकों को उपाधि प्रदान की गई। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ.धनसिंह रावत, इक्फाई विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डाॅ.एम.रामचन्द्रन, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी श्री अनिल कुमार रतूड़ी, आयुक्त गढ़वाल श्री शैलेश बगोली सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।