भराड़ीसैंण- बजट सत्र के पहले दिन शायद कांग्रेस गैरसैंण के मिजाज को भांप गई। बहार आंदोलनकारियों के रुख को देखते हुए कांग्रेस ने सदन के भीतर गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया।पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान बेल पर बैठ गए।
जबकि आज दूसरे दिन गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग को लेकर कांग्रेसियों ने पैदल मार्च किया और गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने की मांग की। इस बीच कांग्रेस के तल्ख तेवरों को देखते हुए भाजपा के विधायकों ने भी मोर्चा थाम लिया।
नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस और भाजपा के बीच नारेबाजी के हथियार के साथ आमने सामने की भिड़त हो गई। भाजपा विधायक विधानसभा की सीढ़ियों के सामने आकर कांग्रेसियों से पूछने लगे कि जब 10 साल कांग्रेस के पास सत्ता रही तो गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की पहल कांग्रेस ने क्यों नहीं की।
बहरहाल भाजपा के सवाल और राज्य निर्माण के सत्रहवें साल बाद कांग्रेस की सियासी रगों में गैरसैंण के नाम पर उफान मारते लहू ने साबित कर दिया कि दोनों सियासी दलों की नीयत गैरसैंण को लेकर क्या है?
माना जा रहा है कि गैरसैंण में आयोजित बजट सत्र के दौरान अगर पूरे राज्य से आंदोलनकारियों का हुजूम गैरसैंण मेें न उमड़ता तो गैरसैंण को लेकर राज्य की सत्ता का सुख भोग चुके दोनों सियासी दल शायद ही जनभावनाओं की परवाह करते।