रामनगर : नैनीताल एसएसपी सुनील कुमार कुमार मीणा ने जिला नैनीताल के थानों के अधिकारियों को दिए आदेश. जारी आदेश मे क़हा है कि शहर मे चरस, गाँजा, स्मैक पर अंकुश लगाया जाय जो व्यक्ति इस नशे के कारोबार को समाज़ में फैला रहा है. उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं और क़हा है कि इस तरह के अवैध कारोबारी व्यक्ति के खिलाफ तीन से ज्यादा मुकदमे थानों में पंजीकृत होते हैं तो उन व्यक्तियों के ऊपर जिला बदर की कार्यवाही करने के आदेश जारी किए जाएं.
बात करें रामनगर जिला नैनीताल के रामनगर शहर की. भले ही समाज़ को सुधारने के लिए पुलिस प्रशासन का यह सराहनीय कदम है. काफी लंबे समय से नशे के खिलाफ आंदोलन से लेकर जागरूकता अभियान रेली के आयोजन किए गए है. बावजूद इसके आज तक किसी भी प्रकार के नशे के कारोबार पर पुलिस प्रशासन पूर्ण रूप से अंकुश नही लगा पाई.
रामनगर में इस समय हर नशे का कारोबार चरम सीमा पर फल-फूल रहा है. सोचने वाली बात यह है कि आखिर यह आता कहाँ से है. शहर के हर प्रवेश द्वार पर मित्र पुलिस चौकी पर हमेशा पुलिस तैनात रहती है. उसके बावजूद नशे के कारोबारी कैसे करते हैं. शहर मे प्रवेश जो एक सवालिया निशान है.सूत्रों के अनुसार पता चला है कि रामनगर के किस कौने में नशे का कारोबार नहीं किया जाता, जो नई पीढ़ी को अन्दर से खोखला कर रही है और इसी के चलते अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। एक तरफ तो उत्तराखण्ड सरकार राजस्व को बढ़ाने के लिए लाइसेंस देकर नशे के कारोबार को बढ़ावा दे रही हे तो दूसरी तरफ नशे पर अंकुश लगाने का फरमान जारी करती है.
देखने वाली बात यह है कि जो आज के समय में कौन नशे का नशे का आदी नहीं है. सफेद पोशाक वालो से लेकर छोटे -से छोटा व्यक्ति भी शाम ढलते ही नशे का प्रयोग करता हैं. फर्क इतना है कि उच्च वर्ग के लोगों के शौक दब जाते है. कोई आवाज नही उठता. निम्न स्तर के लोगों कि शिकायतें कर दी जाती है क्योकि वह व्यक्ति नशे को बर्दाश्त नहीं कर पाता.
देखा जाय तो सरकार को चाहिए उत्तराखण्ड को नशा मुक्त प्रदेश बनाना चाहिए, जिससे प्रदेश नशा मुक्त होगा और अपराध का ग्राफ भी घटेगा. शहर के प्रवेश द्वार पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जाय, जिससे पड़ोसी राज्य से कोई व्यक्ति नशे की सामग्री न ला सके। जो व्यक्ति चेकिंग के दौरान पकड़ा जाय उसके खिलाफ ठोस कार्यवाही अमल में लाई जाए. पुलिस प्रशासन किसी भी संघटन के दबाव में रहा कर कार्य न करें.