चमोली : लॉकडाउन तो ठीक है। लेकिन, क्या किसी बेटे को उसकी मां की अर्थी को कंधा देने से रोका जा सकता है। वह भी तब जबकि वह आला अधिकारियों से बाकायदा अनुमति भी मांग चुका था। यह वाकया चमोली जिले में सामने आया है। जहां बेटा अपनी मां की अर्थी को कंधा देने के लिए हरिद्वार से चलकर गौचर तक पहुंच गया। वो अपने घर जा रहा था, लेकिन उसे रोक दिया गया। वो चमोली पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक कर्मचारियों से गुहार लगाता रहा, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी और उसे क्वारंटीन कर दिया।
बाद में जब जिलाधिकारी तक बात पहुंची तो उसे अपने गांव जाने दिया गया। लेकिन, वो अपनी मां को आखिरी विदाई नहीं दे सका। हरिद्वार के कनखल की राधिका एन्क्लेव कालोनी में रहने वाले संतोष प्रसाद पुरोहित चमोली जिले के गांव पुरोहित बुरसाड़ी के निवासी हैं। संतोष पेट्रोल पंप पर काम करता है।
बुधवार की सुबह उसकी मां सावित्री देवी का निधन हो गया। मां की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए संतोष ने बाकायदा एसपी सिटी कार्यालय से अनुमति भी ली। जब वो गौचर पहुंचा तो स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संतोष और उसकी पत्नी को क्वारंटीरन कर दिया। वह सिस्टम से गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी।