हरिद्वार- स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभी भी गंभीरता नहीं दिख रही है। ताजा मामला हरिद्वार का है। जहां स्कूल बस के फर्स्ट एड बॉक्स में मेडिसन के बजाय कुछ ऐसा मिला जो बच्चों को सुरक्षा के प्रति लापरवाही को बताता है। साथ ही कई तरह की अनियमितताएं दिखी।
बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी दीपक रावत रोशनाबाद जिला कलेक्ट्रेट से आवास की तरफ पैदल जा रहे थे। इस दौरान एक बस वहां से गुजरी तो उसमें स्कूल के बच्चे सवार थे, जबकि बस का रंग न तो पीला था और स्कूल का नाम लिखा था। जिसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने रुकवा लिया।
फास्ट एड बॉक्स खुलवाकर देखा, मिली ये चीज
बस में चढ़ने के बाद सबसे पहले उन्होंने फास्ट एड बॉक्स खुलवाकर देखा। बॉक्स में सिगरेट का ऐश, सफाई करने को गंदा कपड़ा और वैसलीन रखी हुई मिली। इसके बाद उन्होंने बच्चों की संख्या देखी तो सीटों के मुकाबले में अधिक बच्चे थे।
जिलाधिकारी दीपक रावत ने स्कूली बसों की जांच की तो यह खुलासा हुआ। इसके बाद उन्होंने रुड़की और हरिद्वार एआरटीओ को स्कूली बसों की सघन जांच करने के निर्देश दिए।बस में चालक के अलावा कोई सहायक नहीं था और स्कूल का कोई भी कर्मचारी बस में नहीं था। बस की खिड़कियों पर कोई जाली नहीं थी। इस तरह से स्कूल के बच्चों की बस में अनियमितता सामने आने के मामले को उन्होंने गंभीरता से लिया।
उन्होंने वहीं से रुड़की और हरिद्वार एआरटीओ से फोन कर स्कूल वाहनों की जांच करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने बस के कागज और चालक का लाइसेंस अपने पास रख लिया। बस में डीपीएस रानीपुर के छात्र सवार थे। यह सभी बच्चे सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के थे। इन्होंने स्वयं यह बस हायर की हुई थी…
डीपीएस रानीपुर के प्रधानाचार्य केसी पांडे ने संबंधित बस से पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने बताया कि उनके स्कूल की समस्त बसें अनुबंध की है। सभी बसें पीले रंग की हैं, जाली, सीसीटीवी कैमरे, स्कूल का कर्मचारी आदि सुविधाएं है।उन्होंने कहा कि हमारी बस रोशनाबाद सिडकुल में नहीं जाती, जो बसे रोशनाबाद में जिलाधिकारी ने पकड़ी है वह बस रोशनाबाद के लोगों ने अपने बच्चे स्कूल भेजने के लिए हायर की है। अब मामला सामने आया है तो जिन अभिभावकों के बच्चे ऐसी स्कूल की बस में आते है सभी को बुलाया जाएगा।