जिस पर डीजीसीए ने भी अमल किया। नतीजतन बीते रोज जब पीएम मोदी बाबा केदार के दर्शन के लिए केदारनाथ आए तो कई दिग्गज या धाम में नहीं पहुंच सके या फिर पीएम के जाने के बाद धाम में ही फंसे रह गए।
लिहाजा इस तकलीफ के बारे में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने सीएम त्रिवेंद्र रावत से बात की जिस पर फौरी राहत देते हुए हेली सेवाओं को शुरू करवाया गया। हालांकि ये इजाजत सीमित समय के लिए मिली। हालांकि आज यूकाडा की केदार हवाई सेवा देने वाली कंपनियों के साथ बैठक होगी। तभी फैसला हो पाएगा कि केदारघाटी मे इस साल दौलतमंद सैलानियों को हवाई सेवा की सहूलियत मिल पाएगी या नहीं।
गौरतलब है कि NGT ने केदार घाटी में उड़ान भरने के लिए ऊचाई और शोर के लिए मानक तय किए थे। जनमें उड़ान की ऊचाई दो हजार फीट और शोर 50 डेसीबल तक था जबकि हेलीकॉप्टर का शोर 80 से 85 डेसिबल तक होता है। ऐसे में उड़ान की इजाजत देने के लिए DGCA ने सरकार को बदलाव की नसीहत दी थी।
बहरहाल राजस्व के लिए परेशान सरकार और कमाई के लिए बेचैन 14 हेली कंपनियों को DGCA से यूकाडा की बैठक के बाद ही कमाने की इजाजत मिलेगी। देखना ये है कि यूकाडा की बैठक का नतीजा किसके पक्ष में आता है क्षेत्र के जीवित हो चुके ग्लेशियर, पालतू मवेशी, जंगल और वन्यजीव के पक्ष में या फिर शुद्ध कमाई के फेवर में