हरिद्वार- गंगा किसकी है और गंगा के लिए किसने क्या किया ये सवाल कभी बाद में..लेकिन फिलहाल चुनावी माहौल में गंगा आर्शीवाद देंगी किसे। वो जो गंगा की आरती करने पहुंचा या फिर वो जो गंगा को भूल गया। जी, सवाल यही है। वैसे गंगा अगर देश के 45 करोड़ लोगों की आस्था का प्रतीक हो सकती हैं तो उत्तराखंड के सवा करोड़ की आस्था का क्यों नहीं।
उत्तराखंड में गंगा चुनावों का मसला है या नहीं या फिर गंगा के सामने सिर झुका कर वोट मिलते हैं या नहीं इन मुद्दों पर बहस की जा सकती है लेकिन गंगा से जुड़ाव के मसले पर कांग्रेस ने बीजेपी से बाजी मार ली है। रविवार को हुए रोड शो के बाद राहुल गांधी ने पूरे विधि विधान से गंगा की आरती की और गंगा से जीत का आर्शीवाद मांगा। इस दौरान राहुल गांधी के साथ मुख्यमंत्री हरीश रावत भी मौजूद रहे। समर्थकों का बड़ा हुजूम राहुल गांधी के लिए खड़ा इंतजार करता रहा लेकिन राहुल गंगा की पूजा करने के बाद ही उठे।
हालांकि गंगा को लेकर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान काफी चर्चाओं में रहा। जब वाराणसी में लोकसभा चुनावों के नामांकन के दौरान नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उन्हें तो मां गंगा ने बुलाया है। पीएम नरेंद्र मोदी की हरिद्वार के ऋषिकुल मैदान में रैली के दौरान भी लोगों को कुछ ऐसी ही उम्मीदें थीं। उत्तराखंड के लोगों को उम्मीद थी कि शायद नरेंद्र मोदी गंगा के लिए कुछ कहेंगे। लेकिन उत्तराखंड की आवाम उस समय हैरान रह गई जब अपने पूरे संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बार भी गंगा का नाम तक नहीं लिया।
जानकार बताते हैं शायद गंगा की सेहत में कोई खासा सुधार न आने की वजह से पीएम नरेंद्र मोदी गंगा पर कोई बयान देने से बच कर निकल गए। हालांकि बीजेपी को राहुल की गंगा पूजा के बाद अपनी गलती का शायद एहसास हुआ और आनन फानन में उमा भारती को गंगा की दुर्दशा के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराना पड़ गया। राहुल गांधी की गंगा पूजा के ठीक अगले दिन उमा भारती ने ये बयान दिया कि हरीश रावत सरकार की वजह से गंगा में प्रदूषण हो रहा है।
हालांकि गंगा प्रत्यक्ष रूप से किसी पार्टी का चुनावी मुद्दा नहीं है लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि गंगा को लेकर राज्य की धार्मिक आस्था हमेशा ही संवेदनशील रही है। राहुल गांधी शायद इस बात को समझ गए और गंगा किनारे पहुंच गए। हरिद्वार से तकरीबन 50 किलोमीटर दूर कार्यालय में बैठकर बीजेपी ने भी गंगा पर दावा ठोंका है। अब ये गंगा को ही तय करना होगा कि उनके आर्शीवाद के लायक कौन है।