संवाददाता- उत्तराखंड राज्य निर्माण मातृशक्ति का प्रतीक है। मां और बहिनों ने घरों की देहरी लांघी औरअपने बच्चों और भाईयों के सपनों को साकार करने के लिए उत्तराखंड राज्य निर्माण की जंग लड़ी। सपने कितने साकार हुए ये अलग बात है, लेकिन राज्य के विकास की पटकथा लिखने के लिए मातृशक्ति ने हर बार विधानसभा चुनाव में हर बार मजबूती से शिरकत की।
आंकड़ों की बात करें तो साल 2002 के पहले आम चुनाव में 72 महिलाओं ने चुनावी जंग लड़ी। 4 महिलाओं को जीत नसीब हुई। हालांकि पहले चुनाव में 60 महिलाओं की जमानत जब्त हुई जबकि जीतने वाली महिलाओं के अलावा 8 महिलाओं ने अपनी जमानत बचाई।
साल 2007 के विधानसभा चुनाव में 56 महिलाएं उतरी, 4 जीती और इस बार नतीजे सकारात्मक रहे महज 42 महिलाओं की जमानत जब्त हुई। जीतने के अलावा 10 महिलाओं ने अपनी जमानत बचाई।
साल 2012 के विधानसभा चुनाव में 63 महिलाओं ने चुनाव जंग में हिस्सा लिया। मातृशक्ति की भागीदारी और जीत 2007 के मुकाबले इस दफा बेहतर रहे। 2012 की विधानसभा में मातृशक्ति की ताकत में इजाफा हुआ। 63 ने चुनाव में भागीदार की जिसमें 5 महिलाओं ने जीत हासिल की । सिर्फ 47 महिलाओं की जमानत जब्त हुई । जीतने के अलावा 11 महिला उम्मीदवार अपनी जमानत राशि बचाने में कामयाब हुई थी।