ब्यूरो- पीएम मोदी केदारधाम के कपाट खुलने के पावन अवसर पर मौजूद रहे। इस मौके पर सूबे का पूरा प्रशासनिक अमला मौजूद रहा। सूबे के सीएम टीएसआर कैबिनेट के कई खास शख्सियतें भी मौजूद रही। जिनमें खुद सीएम, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज सपत्नीक और सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत समेत कई भाजपा के दिग्गज पदाधिकारी मौजूद रहे।
लेकिन हैरत की बात तो ये है कि इतने बड़े आयोजन में कहीं भी केदारनाथ के विधायक मनोज रावत नहीं दिखाई दिए। हालाकिं केदारधाम की यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मनोज रावत 29 अप्रैल को ही पैदल रास्ते से केदारनाथ पहुंच गए थे। कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने कपाट खुलने से पूर्व की अपनी केदार यात्रा को फेस बुक पेज पर भी शेयर किया था।
बावजूद इसके भाजपा सरकार ने स्थानीय विधायक को तीन मई के भव्य आयोजन का हिस्सा बनाना मुनासिब नहीं समझा। जबकि प्रोटोकॉल के मुताबिक देखा जाए तो स्थानीय विधायक को निमंत्रण दिया जाना चाहिए था।अक्सर देखा गया है कि केदारधाम के कपाट खुलने के मौके पर स्थानीय विधायक हमेशा से मौजूद रहे हैं।
बहरहाल क्षेत्रीय कांग्रेसी विधायक मनोज रावत के प्रोटोकॉल को नजरअंदाज करने पर सूबे के पूर्व सीएम हरीश रावत ने सरकार के रवैए पर कड़ा ऐतराज जताया। रावत ने कहा कि कुछ सलीके सियासत के दायरे से बाहर होते हैं।