नैनीताल : उत्तराखंड में लगातार क्वारंटीन सेंटरों में एक के बाद एक मौत का सिलसिला जारी है। पहले पौड़ी के क्वारन्टाइन सेंटरों में मौतें हुई। हालांकि उनको कई अन्य बिमारियां भी थी। वहीं अब नैनीताल में बने संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर में सांप के डसने से बच्ची की मौत का मामला सामने आया है जिससे प्रशासन की कार्यप्रणाली और व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इससे बच्ची के परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है।
बैताल घाट के प्राथमिक विद्यालय में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर का मामला
मामला बैताल घाट के प्राथमिक विद्यालय में बनाए गए संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर का है. सुबह अपने परिवार के साथ क्वारंटाइन सेंटर गई 4 वर्षीया बच्ची को सांप ने डस लिया. आनन-फानन में बच्ची को बैताल घाट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 108 सेवा के माध्यम से ले जाया गया, जहां बच्ची ने दम तोड़ दिया।
सो रही थी बच्ची
मिली जानकारी के अनुसार बाहरी राज्यों से आए प्रवासियों को नैनीताल के बेतालघाट स्थित प्राथमिक स्कूल में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। बच्ची का परिवार भी वहीं रुका था. बच्ची के पिता आनंद सिंह का परिवार हाल ही में दिल्ली से इलाज कराकर लौटा था, जिसके बाद उन्हें तीन दिन पहले ही ग्राम प्रधान के आदेश के बाद विद्यालय में क्वारंटाइन किया गया था. सोमवार सुबह जब उनकी बेटी अंजली आराम कर रही थी तो मां ने उसके चेहरे पर दो दाग देखे जो की सांप के डसने जैसे थे। बच्ची के चेहरे पर आंख और कान के पास सांप के डसने के निशान थे। वहीं वहा अफरा तफरी मच गई। जिसके बाद 108 को सूचना दी गई और बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
वहीं जानकारी मिली है कि बच्ची के साथ हादसा होने के बाद क्वारंटाइन सेंटर में मौजूद बाकी सभी प्रवासी भी मौका देखकर घरों में भाग गए. जिससे बढ़ा खतरा खड़ा हो गया है। चिकित्सकों का कहना है कि बच्ची की कोरोना हिस्ट्री देखने के बाद पोस्टमार्टम अथवा कोरोना जांच के बाद फैसला लिया जाएगा। लेकिन इस हादसे से प्रशासन की कार्यप्रणाली और व्यवस्था पर सवाल खड़े होेते हैं।