उधम सिंह नगर (मोहम्मद यासीन )पर्वतीय प्रदेश उत्तराखण्ड पूरे देश में देवताओ की जन्मभूमि और तपोभूमि के नाम से विख्यात है। उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति तथा परम्पराओं को बदलते युग मे भी कुछ अधिकारियों ने जीवंत कर रखा है। लगता है अब उत्तराखण्ड प्रदेश में सरकार को विद्यालयों में गिरती छात्र संख्या से चिंतित रहने की अब आवश्यकता नही हैं। क्योंकि शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी बड़ी शालीनता से अपने दैनिक रुटीन मे काम के बोझ के बावजूद छात्रों को अपनी संस्कृति और सभ्यता से जोड़े रखने का मनोयोग से प्रयास कर रहे हैं।
उधम सिंह नगर में एक उपखण्ड शिक्षा अधिकारी नित्य ऐसे ही अभिनव प्रयासों के कारण पूरे प्रदेश मे मिसाल बनती जा रही हैं। जिनके द्वारा अपनी सहनशीलता का परिचय देते हुऐ गरीब छात्र छात्राओं के साथ बेहद साधारण अंदाज में शिक्षा व्यवस्था के दीप को जलाये रखने का प्रयास किया जा रहा है। जिसकी बानगी हमेशा तब देखने को मिलती है जब उपखण्ड शिक्षा अधिकारी गुंजन अमरोही द्वारा विद्यालयों में चैकिंग के दौरान हमेशा भूमि पर बैठकर बच्चों के साथ भोजन ग्रहण किया जाता है। आज प्रदेश में ऐसे अधिकारियों से पूरे प्रदेश के कर्मचारियों को सीखने का प्रयास करना होगा। तभी यह प्रदेश जो विषम परिस्थितियों के बावजूद विकास के नये आयाम स्थापित कर सकेगा।