बड़कोट- नोटबंदी के 36 दिन गुजर चुके हैं बावजूद इसके 37 वें दिन भी हालात नहीं सुधरे। उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों का भूगोल पहाड़ी गांवो पर पहाड़ की तरह भारी पड़ रहा है। बेशक सरकार इंटरनेट बैंकिंग अपनाने पर जोर दे रही है लेकिन सूबे के पहाड़ी जिलों में मौजूद संचार तकनीक के किशोर कंधे अभी इतने नाजुक है कि, केंद्र सरकार की कैशलेश वाली भारी मंशा का बोझ उठाने में सक्षम नहीं लगते। नतीजतन केंद्र सरकार का नोटबंदी का फैसला पहाड़ की जनता के मुसीबत का सबब बन गया है। कैश की भारी तंगी के चलते पहाड़ी गांवों की वित्तीय हालत बेहद नाजुक हो गई है। उत्तरकाशी जिले की बड़कोट तहसील में जिला सहकारी बैंक की शाखा मेें कैश ही नहीं है। पुराने नोट सहकारी बैंक की शाखाओं में पहले ही प्रतिबंधित हैं अब वहां नए नोटों की भी किल्लत हो गई है। बड़कोट में बैंक की शाखा अपने ग्राहकों की किसी भी सेवा में खरा नहीं उतर पा रहा है। कैश की किल्लत झेल रही बैंक की शाखा में ग्राहकों को न ढाई लाख की रकम तो छोड़ों 2000 की रकम भी नसीब नहीं हो पा रही है।