महाराष्ट्र : चुनाव के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार बदलाव देखने को मिल रहर हैं। राजनीतिक समीकरण काफी तेजी से बदल रहे हैं, लेकिन सरकार बनाने की तस्वीर साफ नहीं हो पा रही है। मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना ने भाजपा से अपनी 30 साल पुरानी दोस्ती तोड़ दी। इसके बावजूद भी वह सरकार नहीं बना सकी।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सरकार बनाने का न्योता राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को दिया है। जिसे 24 घंटे में सरकार बनाने के लिए समर्थन पत्र सौंपना होगा। सियासी समीकरण में एनसीपी और शिवसेना में काफी हद तक सरकार गठन के लिए सहमति बनती दिखी है, लेकिन आखिरी पेच अब कांग्रेस के समर्थन पर अटका है। कांग्रेस में संजय निरुपम जैसे नेता शिवसेना के साथ सरकार बनाने के पक्ष में नहीं है। वही अब तक सर्मथन में रोड़ा अटकाते नजर आ रहे हैं।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शरद पवार के साथ सरकार गठन को लेकर बातचीत की। जिसके बाद न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत सरकार चलाने के लिए नियम और शर्तों पर बातचीत होगी। एक बार कांग्रेस और एनसीपी निष्कर्ष पर पहुंच जाएं तो शिवसेना को बातचीत में शामिल किया जाएगा। शरद पवार ने कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को बताया है कि वह दिल्ली आकर उन्हें विस्तृत जानकारी देंगे।