ब्यूरो-तुझे गरूर कि तेरी यहां हुकूमत है, मुझे भी ज़िद की इसी शहर में रहना है। कांग्रेस की पूर्व प्रदेश महामंत्री शिल्पी अरोड़ा ने अपनी फेसबुक पर एक खबर के साथ लिखे इस शेर के अंदाज में ही आज नामांकन के आखिरी दिन अपना नांमाकन किया। किच्छा से आजाद उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल कर शिल्पी ने ऐलान -ए-जंग का आगाज़ कर दिया है। गौरतलब है कि शिल्पी ने 25 जनवरी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और प्रदेश महामंत्री के पद से इस्तीफा देते हुए आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।
हालांकि माना जा रहा था कि टिकट वितरण से रूठी शिल्पी अरोड़ा को कांग्रेस आलाकमान मना लेगा और वे मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ बगावत नहीं करेंगी। मगर अब उनके तेवरों से महसूस हो रहा है कि शिल्पी शायद ही पार्टी के प्रति अब अपनी वफा का शिद्दत से इजहार कर सकें। हालांकि नाम वापसी की तारीख एक फरवरी है और कहा गया है कि सियासत में न कोई दोस्त होता है न कोई दुश्मन।