देहरादून: 12 सितंबर 2019 ये वो दिन है, जो परिवार के लिए मुसीबत की दस्तक लेकर आया। रुड़की की रहने वाली एक महिला को उसका पति गाजियाबाद मिलने के लिए बुलाता है। महिला वहां पहुंचती तो है, लेकिन 12 सितबंर के बाद से कभी वापस लौट कर नहीं आई। मामले को पांच महीने बीत चुके हैं। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज किया। आरोपी को गिरफ्तार भी किया गया। लेकिन, महिला कहां गई। जिंदा है या फिर उसे मार दिया गया। इस बात का पता अत तक नहीं लगा पाई। बड़ा सवाल ये है कि पुलिस इस मामले की गुत्थी को सुलझाने की बजाय उससे पल्ला झाड़ने में क्यों जुटी है। आखिर पुलिस पिछले पांच महीने से क्या कर रही है…? महिला के परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की है।
10 साल से अलग रह रहे थे
ये मामला है रूड़की की रहने वाली एक महिला का है, जो पिछले 5 महिने से लापता है। परिवार वालों ने लापता महिला के पति मनीष पर अपहरण की आशंका जताई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने महिला के पति को गिरफ्तार भी किया था। लापता महिला और उसके पति के बीच अच्छे संबंध नही थे, और दोनों पिछले 10 सालों से अलग रह रहे थे। अगर पुलिस की कार्रवाई की बात करें तो गिरफ्तारी के पांच महिने बीत जाने के बाद भी मित्र पुलिस अभी तक इस मामले को नहीं सुलझा पाई है। ना ही महिला का पता लगा पाई है। परिजन महिला को ढूंढने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन पुलिस उनकी मदद करने की बजाय मामले को रफा-दफा कर अपना पल्ला झाड़ने में लगी है।
सीबीआई जांच की मांग
दरअसल, ये पूरा मामला 12 सिंतबर 2019 के बाद से शुरू हुआ है। लापता महिला के पति ने महिला को फोन कर मिलने के लिए गाजियाबाद बुलाया था। महिला मिलने भी गई और अपने पति से मिली भी, लेकिन उस मुलाकात के बाद से महिला का आज तक कोई सुराग नहीं लग पाया। इस पूरे मामले को पांच महिने बीत चुके हैं। आरोपी गिरफ्त में होने के बाद भी पुलिस उससे सच नहीं उगलवा पाई।
पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल
पीड़ित परिवार का आरोप है की पुलिस ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। अब पीड़ित परिवार सरकार से सीबीआई जांच की मांग कर रहा है। इसके साथ ही पीड़ित परिवार ने न्याय नहीं मिलने पर आत्मदाह की चैतावनी भी दी है। सवाल यह है कि पांच महिने से एक महिला लापता है और पुलिस प्रशासन कुछ नहीं कर पाया। अब देखना ये होगा की पीड़ित परिवार को न्याय मिलता है या नहीं।