देहरादून : इससे बड़ी शर्म की बात क्या हो सकती है कि मंच से और भीड़ में जाकर महिला सुरक्षा और बेटी-बचाओं बेटी पढ़ाओं के दावे करने वाली सरकार के नुमाइंदों ने ही इसकी धज्जियां उड़ाई. वो भी एक नहीं दो नहीं कइयों ने. नियम-कानून नाम की तो इनके लिए कोई चीज ही नहीं है और न ही भय है. यौन उत्पीडन के आरोपों से घिरे प्रदेश संगठन महामंत्री संजय कुमार के मामले के बाद ऐसा भूचाल आया कि संगठन को महत्वपूर्ण बैठक कर उन्हें पद से हटाना पड़ा. साथ ही पार्टी के महानगर अध्यक्ष की शारीरिक नीड जैसी भद्दी औऱ बेतुकी बातें जो की कैमरे में कैद की गई काफी है बताने के लिए की संगठन में किस तरह के लोग भरे पड़े हैं.
विनय गोयल ने संगठन पर फोड़ा ठीकर?
वहीं असलियत सामने आने के बाद महानगर अध्यक्ष विनय गोयल ने सारा ठीकरा संगठन के ऊपर फोड़ दिया है और साफ तौर पर कहा है कि उन्होंने इस बारे में सितंबर को ही प्रदेश संगठन को बता दिया था.
क्या सरकार के लिए निकाय चुनाव में जीत एक महिला की इज्जत से ज्यादा कीमती है?
वहीं उससे भी बड़ी बेशर्मी की बात तो तब हुई जब पार्टी के महानगर अध्यक्ष ने साफ तौर पर निजी अखबार को कहा कि इस मामले में संगठन पहले ही बता दिया था. अब बड़ा सवाल ये है कि अगर संगठन और सरकार को इस बारे में मालूम था तो इसे क्यों दबाया गया. क्या संगठन के लिए निकाय चुनाव में जीत एक महिला की इज्जत से ज्यादा कीमती है.
अक्सर विवादों से घिरे रहते हैं भाजपा के विधायक
इससे पहले भी भाजपा संगठन के विधायक चाहे राजकुमार ठुकराल हो या प्रणव चैंपियन…गाली-गलौच, मारपीट, अभद्र भाषा का ऐसा प्रयोग करते हैं मानों देश के राजा हों और जनता ने गद्दी इसलिए दी हो. विधायकों को जनता की सेवा के लिए चुना जाता है लेकिन कुछ विधायकों ने बेशर्मी की हदें पार कर रखी हैं.
महानगर अध्यक्ष विनय गोयल ने दी रविवार को सफाई
महानगर अध्यक्ष विनय गोयल ने रविवार को अपनी सफाई दी। कहा कि उन्होंने पूरा मामला सितंबर में ही प्रदेश संगठन को बता दिया था। उन्होंने निजी अखबार से फोन पर बातचीत में साफ तौर पर कहा कि वह सितंबर की शुरुआत में भी पूरे प्रकरण को प्रदेश संगठन के सामने रख चुके थे।
आरोप लगाने वाली महिला से उनकी एक नहीं कई बार और कई घंटे बात हुई
विनय गोयल ने कहा कि आरोप लगाने वाली महिला से उनकी एक बार नहीं कई बार बातचीत हुई और कई-कई घंटे बात हुई। महिला इसलिए बार-बार उनसे बात करती थी. क्योंकि महिला के आरोपों को वह उचित फोरम पर रख रहे थे और आरोप लगाने वाली महिला मेरी ओर से उठाए जा रहे कदमों से संतुष्ट भी थी। उनका कहना है कि इस मामले में उनकी जो भूमिका, क्षमताएं और योग्यता थी, उसका सही समय पर उचित स्थान पर उचित ढंग से पहुंचाया। अगस्त में मैं विदेश में था और वहां से लौटने के बाद महिला ने पहली बार मुझे यह प्रकरण बताया था और उसी वक्त इसे प्रदेश संगठन को बता दिया था।
उन्होंने स्वीकार किया कि आरोप लगाने वाली महिला से उनकी एक नहीं कई बार बातचीत हुई, लेकिन बातचीत के जो अंश पेश किए जा रहे हैं, उन्हें तोड़मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।
बड़ा सवाल
अब सवाल संगठन महामंत्री के साथ महानगर अध्यक्ष के साथ पूरे भाजपा संगठन पर उठने लगा है कि आखिर क्यों इतने गंभीर मामले को दबाने की कोशिश की. क्या ये सब निकाय चुनाव को देखते हुए किया गया? क्या प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को मालूम था कि महिला के साथ यौन उत्पीडन हुआ है?