देहरादून : देहरादून निवासी मेजर चित्रेश बिष्ट 16 फरवरी को बम डिफ्यूज करते हुए शहीद हो गए. दरअसल बम रखे जाने की सूचना पर शहीद मेजर ने 3 बम ढूंढकर डिफ्यूज भी लेकिन चौथा बम ब्लास्ट हो गया औऱ मेजर शहीद हो गए. वहीं आज फिर देहरादून निवासी मेजर वीएस ढौंडियाल देश के लिए शहीद हो गए.
बेटे की शहादत से चित्रेश बिष्ट के परिजनों का हाल बेहाल है… शहीद के पिता सीएम त्रिवेंद्र रावत से लिपट कर रोए तो सीएम ने ढांढस बंधाते हुए उंहे चुप कराया. शहीद मेजर की अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ा.
शहीद के पिता कहना-ऐसे कोई छोड़कर जाता है क्या?
वहीं इस दौरान शहीद के बेसुध पिता ने कहा कि सबकुछ ठीक चल रहा था। दोनों बेटे अपने पैरों पर खड़े हो गए थे। अपना कमा-खा रहे थे। किसी चीज की कमी नहीं थी। बस उसकी शादी बाकी रह गई थी। थोड़ा वक्त लग गया लेकिन सोनू ने मौका ही नहीं दिया। ऐसे कोई छोड़कर जाता है क्या?
अब देहरादून रहकर क्या करुंगा- पिता
शहीद के पिता घर पर मिलने आ रहे लोगों से बार-बार देहरादून छोड़ देने की बात कह रहे हैं। शहीद के पिता का कहना है कि अब यहां रहकर करुंगा क्या? सब छोड़-छाड़कर गांव चला जाऊंगा। यहां जो है, उसी के लिए तो रखा था।वहीं मां बेटे चित्रेश की शहादत की खबर के बाद से बेसुध हैं। रविवार शाम तक मां ने पानी का घूंट तक नहीं पिया। उनकी जुबां पर बार-बार बेटे का ही नाम आ रहा है। रिश्तेदार और करीबी महिलाएं उन्हें ढांढ़स बंधाने का प्रयास कर रही हैं।
आपको बता दें शहीद के पिता उत्तराखंड पुलिस में इंस्पेक्टर के पद से रिटायर्ड हैं. 7 फरवरी को शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट की शादी थी और वह 28 फरवरी को घर आने वाले थे। शहीद मेजर के परिजन बेटे की शादी की तैयारी कर रहे थे और पिता शादी के कार्ड बांटने में व्यस्त थे। तभी बेटे की शहादत की खबर आई और खुशियां मातम में बदल गई।