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देहरादून : पिछले 6 दिनों के भीतर उत्तराखंड के चार जवानों की शहाद को लेकर उत्तराखंड में माहौल गमहीन है. पुलवामा में आंतकियों से लोहा लेते समय शहीद हुए मेजर विभूति ढौंढियाल को भी आज सैन्य साम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
वीर भूमि उत्तराखंड के लिए पिछले 6 दिन गमहीन भरे रहे हैं। जी हां इन 6 दिनों में उत्तराखंड के चार जवान शहीद हो गए। सीआरपीएफ की बस पर फिदायनी हमले में हेड कांस्टेबल मोहन रतूड़ी और कांस्टेबल विरेंद्र सिंह शहीद हो गए वहीं मेजर चित्रेश बिष्ट रजौरी में बम डिफ्यूज करते हुए शहीद हो गए तो चित्रेश बिष्ट के ही दोस्त मेजर विभूति ढौंडियाल पुलवामा में आंतकियों से लोह लेते समय शहीद हो गए. मेजर विभूति ढौंडियाल को आज पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। देहरादून स्थित आवास पर विभूति ढौंडियाल का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, जिसके बाद हरिद्धार में विभूति ढौंडियाल को अंतिम विदाई दी गई। उनके आवास पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत,पूर्व सीएम हरीश रावत समेत कई नेताओं ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजली। वहीं विभूति ढौंडियाल की पत्नी ने अपने पति को अंतिम विदाई देते हुए उनहे आई लव यू कहकर विदाई दी.
अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब
विभूति ढौडियाल को अंतिम विदाई देने के लिए देहरादून में हजूम उमड पड़ा और अंतिम विदाई देने पहुंचे लोगों ने जहां विभूति ढौंडियाल की शहादत को समाल करते हुए जब तक सूरत चांद रहेगा विभूति तेरा नाम रहेगा के नारे लगाए…वहीं पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लोगों ने लगाए।
कश्मीर उनको दे दो लेकिन जवानों को बचा लो- मेजर की सास
विभूति ढौंडियाल की सास उनकी शहादत के गम में आक्रोशित होते हुए कह रही है कि कश्मीर में जहां एक आंतकी मारा जा रहा है वहीं देश के 4 जवान शहीद हो रहे हैं इसलिए कश्मीर को पाकिस्तान को दे दो लेकिन हमारे जवानों की शहादत को बचा दो। शहीद विभूति की सास गिरिजा वडिका का कहना है कि आतंकवादियों को सबक सिखाना जरूरी है. दशहतगर्दों का मार गिराना चाहिए ताकि देश का कोई और जवान शहीद न हो. वे बताती है कि साल 1990 में उन्होंने कश्मीर छोड़ दिया था. क्योंकि उन्हें हर रोज डर लगा रहता था कि कहीं वे उस माहौल में किसी अपने को ना खो दें.
पाकिस्तान को सबक सिखा देना चाहिए-हरीश रावत
वहीं उत्तराखंड के वीर जवनों की शहादत को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना कि भारत मां के साथ उत्तराखंड का भी सीना छननी हो रहा है,इसलिए पाकिस्तान को सबक सिखा देना चाहिए।
देवभूमि के 4 बेटों को एक के बाद एक अंतिम विदाई
उत्तराखंड के जाबंज जवना यू तो मातृ भूमि की रक्षा करते करते सीने पर गोली खाने के लिए तैयार रहते हैं,लेकिन ऐसा कम ही देखा गया है जब 6 दिनों के भीतर देव भूमि के 4 लालों को उत्तराखंड वासियों ने एक के बाद एक करके अंतिम विदाई दी हो जिससे समझा जा सकता है जम्मू कश्मीर में हालात अच्छे नहीं इसलिए अब केंद्र सरकार को भी निर्णय लेना चाहिए कैसे जम्मू कश्मीर में आंतकवाद का खात्मा जड़ों से मिटाया जा सकता है ताकि इस तरह से जवानों की शहादत न हो।