देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम में भी राज्य कर्मचारियों की तरह ही सातवां वेतनमान लागूं किया गया, लेकिन इससे जहां एक ओर कर्मचारियों को फायदा मिल रहा है। वहीं, दूसरी ओर मृतक आश्रितों की नौकरी पर सातवें वेतनमान ने पूरी तरह ब्रेक लगा दिया है।
सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवंेंद्र सिंह रावत ने राज्य कर्मचारियों की भांती सभी निगमों के कर्मचारियों को 7वंे वेतनमान देने का निर्णय लिया। साथ ही यह भी तय किया कि निगमों में सीधी पर भर्ती नहीं की जाएगी।यानी निगमों में सीधी भर्ती किए जाने पर पूर्ण तरिके से रोक लगा दी गई।
इस रोक पर भले अब तक ना तो किसी राजनीतिक दल ने ध्यान दिया और ना ही कर्मचारी संगठनों ने इसको लेकर आवाज उठाई। निगम में इस निर्णय के लागूं होने के बाद करीब 50 ऐसे कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। मृतक आश्रित नौकरी के लिए निगम के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन सरकार की रोक के चलते आश्रितों को नौकरी नहीं मिल पा रही है।
परिवहन निगम के जीएम दीपक जैन का कहना है कि निगम की अगली बोर्ड बैठक में इस विषय को लाया जाएगा, ताकि मृतक आश्रित परिवारों को नौकरी दी जा सके। रोडवेज कर्मचारी युनियन महामंत्री अशोक चैधरी ने कहा कि यह निर्णय सरकार का सही नहीं है। इस निर्णय के खिलाफ आचार संहिता के बाद विरोध प्रदर्शन करेगी।