उत्तरकाशी: जिले के हरेती गांव की विजयलक्ष्मी पांच साल पहले सिंगोट गांव में विवाद हुआ था। उसका एक चार साल का बेटा भी है। पति होटल में काम करते हैं। पिछले कुछ समय से देवर, सास और सुसर उसे परेशान कर रहे थे। तीन-चार जुलाई को वो घर से मायके लिए निकली, जिसकी सूचना उसने अपने पति को भी दी थी, लेकिन मायके नहीं पहुंची।
पुलिस ने बरती लापरवाही
छह जुलाई को उसके सुसराल पक्ष की ओर से गुमशदगी लिखाई गई। नो जुलाई को उसके मायके वालों ने पुलिस कप्तान पंकज भट्ट से मुलाकात कर बेटी का पता लगाने की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस मामले को हल्के में लिया और कुछ करने के बाया चुपचाप बैठी रही। एक सप्ताह बाद आज विवाता का शव नदी किनारे मिला।
सुसरालियों के बयानों पर शक
मायके वालों ने उसके ससुराल में ससुर, पति और सास को नामजद कर रिपोर्ट दर्ज कराई है। सुसरालियों ने मायके वालों को जो-जो बातें बताई। सारी झूठी निकली। जिस जगह पर विजयलक्ष्मी का शव मिला, उसकी पहनी कमीज उस जगह से 20 मिटर दूर मिली। इसके अलावा घिल्टा और दरांती वाला बयान भी गलत निकला। कुछ अन्य बातें भी इस ओर इशारा कर रही हैं कि विजयलक्ष्मी की हत्या हुई है।
सास से हुआ था झगड़ा
जानकारी के अनुसार जिस दिन विजयलक्ष्मी गायब हुई। उसके एक दिन पहले उसका अपनी सास से झगड़ा हुआ था। झगड़े के बाद उसने अपने पति को फोन किया और अपने मायके जाने की बात कही, लेकिन पति के कहने पर रात को तो रुक गई। लेकिन, उसके बाद से ही उसका कुछ पता नहीं चला। उसका चार साल का बच्चा भी सुसराल में ही है।