ब्यूरो- 16 साल के सफर में राज्य की दिशा अभी तक तय नहीं हुई है। कोई भी सरकार इस बात के दावे नहीं कर सकती कि जो ख्वाब आंदोलन के दौर में राज्य की जनता ने देखे थे उन सपनों के लिए अंतरिम सरकार ने कोई खाका खींचा हो या निर्वाचित सरकारें उन सपनों को पूरा कर पाई हों।
खैर 2007 के चुनाव में जनता ने भाजपा को सत्ता सौंपी और भाजपा गुटबाजी में उलझ गई। अंतरिम सरकार के दौर में अंतरकलह से जूझती भाजपा 2007 के राज में भी कलह से परेशान रही। हर दिन सूबे के अवाम के कानों में सत्ता के गलियारे से आवाज आती रही,’सूबे का निजाम बदलने वाला है ‘। भाजपा राज में एक बार फिर बदलाव हुआ और भाजपा के नए नेतृत्व ने खूब सुर्खियां बटोरी।