किच्छा(मोहम्मद यासीन) प्रकृति में ऐसे बहुत सारे पेड़-पौधे है जो हमारे जीवन में बहुत ही लाभदायक होते है. पहाड़ में अनगिणत औषधिया पेड़-पौधे पाए जाते हैं जिनसे लाभकारी दवाईयां बनती है. लेकिन इस बार कोई औषधी नहीं बल्कि एक पौधे से कपड़ा बनाने का फॉर्मूला ढूंढ निकाला है.
पहाड़ों में पाए जाने वाला एक ऐसा पौधा जिसे पहाड़ के वाशिंदे अक्सर दवा, सब्जी ओर जानवरों के भोजन में प्रयोग करते है लेकिन पन्तनगर के वैज्ञानिको द्वारा इस पौधे को अब पहाड़ के लोगो की आर्थिकी मजबूत करने के काम में शोध करते हुए नया फार्मूला इजात किया है क्या के पूरा फार्मूला ओर किस तरह से पहाड़ के लोगो की आय को बढ़ाने में सहायक होगी.
पहाड़ो में पाए जाने वाली बिच्छू घास
पहाड़ों से गुजरते हुए आप ने सड़क किनारे छोटे-छोटे काटेदार बिछु घास के पौधे तो देखे ही होंगे, पहाड़ों के लोग इसे दवा, हरी सब्जी और जानवरों के भोजन के प्रयोग में लाते रहते है लेकिन जल्द ही ये पौधा पहाड़ो के लोगों की आय का साधन हो सकता है.
पन्तनगर के होम साइंस के वैज्ञानिकों ने किया शोध
पन्तनगर के होम साइंस के वैज्ञानिकों ओर सोध कर रही छात्राओं ने इस पौधे से फाइवर निकाल धागे बनाने की महारत हासिल कर ली है अब ये किसानों और पहाडो के लोगों की आय को बढ़ाने के काम मे प्रयोग किया जा सकता है।
पिछले कई सालों से बिच्छु घास पर लगातार शोध
वैज्ञानिको के अनुसार पिछले कई सालों से बिच्छु घास पर लगातार शोध किया जा रहा था और अब उनके हाथ सफलता लगी है. वैज्ञानिकों के अनुसार पहाड़ों में पाए जाने वाले बिच्छु के पोधों से उच्च कोटि के फाइवर ओर धागा बनाया जा सकता है. इससे निकलने वाले रेशे इतने बारीक होते हैं कि ये आसानी से किसी भी रूप में ढाल कर किसी भी तरह के कपड़ो में प्रयोग किया जा सकता है अंतराष्ट्रीय बाजारो में नेचुरल प्रोडक्ट की मांग बढ़ने से बिच्छु घास से बने प्रोडक्टों को भी अच्छे दामों में बेचा जा सकता है जिससे पहाड़ में रहने वाले लोगों की आमदनी बढ़ सकती है और पलायन को रोकने में मदद मिल सकती है।
पौधे का वैज्ञानिक नाम ग्राडिनिया ड्राइवर्सी फोलिया
अर्टिकाकेई वनस्पति परिवार के इस पौधे का वैज्ञानिक नाम ग्राडिनिया ड्राइवर्सी फोलिया है. बिच्छू घास स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभप्रद है. इसमें ढेर सारे विटामिन और मिनरल्स हैं. इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइट्रेड, एनर्जी, कोलेस्ट्रोल जीरो, विटामिन ए, सोडियम, कैल्शियम और आयरन जैसे महत्वपूण तत्व पाए जाते है. अब इन तत्वों के साथ साथ वैज्ञानिको इन पोधों से फ़ाइवर निकाल कपड़े बनाने के कार्यो में लगे हुए है.
पहाड़ के लोगों की बढ़ेगी आमदनी
उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश होने के चलते पर्यटन से जोड़ते हुए फाइवरों से होम प्रोडक्ट तैयार कर बेचे जा सकते हैं. जिससे पहाड़ के लोगो की आमदनी हो सकती है साथ ही दुनिया भर के देशों में बढ़ रहे नेचुरल प्रोडक्ट की मांग को पूरा करने में टेक्सटाइल की दुनिया मे नेचुरल फाइवर पर किया गया शोध एक क्रांति पैदा कर सकता है.
अब तक नेपाल से ही टेक्सटाइल कंपनी फाइवरों की सप्लाई करते आया
वैज्ञानिकों के अनुशार अब तक नेपाल से ही अधिकांश टेक्सटाइल कंपनी फाइवरो की सप्लाई करते हुए आया है, अगर हिमालयन प्रदेश इस शोध का प्रयोग करते हुए बड़े पैमाने में कार्य करें तो स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सकता है साथ ही किसानों और स्थानीय लोगों की आय को बढ़ाया जा सकता है।
बिछु घास से बनने जा रहे फाइवरो के प्रयोग से नेचुरल प्रोडक्ट ओर टैक्सटाइल की दुनिया मे क्रांति तो आएगी ही साथ ही बिछु घास के पौधे से निकलने वाले फाइवर से होम प्रोडक्ट तैयार कर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर पहाड़ के लोगो को रोजगार से जोड़ने ओर पहाड़ो से युवाओं का पलायन रोकने में मिल का पत्थर साबित हो सकता है