टिहरी गढ़वाल : भले ही हमारे देश में लोग एकता-अखंडता और समानता की बात करते हों, मेरा देश बदल रहा है, हम बदल रहे हैं, हम सब एक हैं कहते हों, भले ही नेता-मंत्री विधायक मंचों से एकता-अखंडता का पाठ जनता को पढ़ाते हैं लेकिन इसकी जमीनी सच्चाई क्या है वो इस मामले को देखकर पता चला है…मामला बेहद गंभीर है…आज के लिए भी औऱ आने वाले समय के लिए भी. ताज्जुब इस बात का है कि किसी परिवार का इकलौता कमाने वाला उन लोगों ने मार डाला जो ख़ुद को बड़ी जात का कहते हैं, ये कैसी बड़ी जात जो किसी के परिवार का चिराग छीन गई!
शादी में सवर्णों के साथ बैठकर खाया खाना
जी हां आपने 10 दिन पहले उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के शादी में खाने को लेकर हुए विवाद के बार में सुना होगा. जिसमें एक अनुसूचित जाति के युवक ने शादी में सवर्णों के साथ बैठकर खाना खाया था जिसके बाद सवर्णों ने मिलकर उसकी जमकर पिटाई की थी औऱ जिसका इलाज देहरादून के श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में चल रहा था जिसके 10 दिन के बाद बीते दिन रविवार को युवक ने दम तोड़ दिया.
परिवार ने लगाई इंसाफ की गुहार
परिवार का रो रो कर बुरा हाल है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ये ग़रीब परिवार अब बेटे , भाई को वापस तो नही ला सकता लेकिन न्याय की गुहार लगा रहा है, पुलिस ने मौत के बाद तीन लोगों की गिरफ्तारी की है। परिजनों का कहना है कि 7 लोगों के खिलाफ नामजद मुक़दमा दर्ज है लेकिन इतनी बड़ी बात हो जाने के बाद भी अभी आरोपी गिरफ्त से बाहर हैं, पुलिस ने तीन की गिरफ्तारी भी की वो भी तब जब उनके बेटे की जान चली गई।
बहन ने कराया मुकदमा दर्ज
वहीं इसके बाद मृतक युवक की बहन ने टिहरी जिले के कैंम्पटी थाने में गांव के सात लोगों के खिलाफ गाली-गलौज और पिटाई का मुकदमा दर्ज कराया है और साथ ही सवर्णों पर जितेंद्र की हत्या करने का आरोप लगाया है।इस पर पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पिटाई से मौत का मामला सामने आता है तो मुकदमे में अन्य धाराएं जोड़ दी जाएंगी।
युवक की मौत के बाद परिजन कोरोनेशन अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे
वहीं देहरादून में युवक की मौत के बाद परिजन कोरोनेशन अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए। इस दौरान वो शव को सीएम आवास ले जाने की जिद पर अड़े रहे। साथ ही केंपटी थाने के पूरे स्टाफ को हटाने की मांग की। आपको बता दे कि युवक की ही कमाई से घर का खर्चा चलता था। परिजनों की मांग है कि घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
ये है पूरा मामला
आपको बता दें कि 26 अप्रैल को टिहरी जिले के जौनपुर विकासखंड के श्रीकोट गांव में सवर्णों द्वारा अनुसूचित जाति के युवक के साथ मारपीट का मामला सामने आया था। गांव में एक शादी समारोह में कुछ सवर्ण खाना खा रहे थे, तभी बसांण गांव निवासी अनुसूचित जाति का युवक जितेंद्र भी थाली में खाना लेकर वहां खाना खाने लगे. तभी भटवाड़ी गांव के युवक सोबत सिंह असवाल वहां आया औऱ उसे उठने को कहते हुए जातिसूचक शब्द कहे. कहा कि वो कुर्सी उसकी है उसकी हिम्मत कैसी हुई इस कुर्सी पर बैठने की. आरोप है कि सवर्णों ने दबंगई दिखाते हुए जितेंद्र को बुरी तरह पीट दिया। किसी तरह वह वहां से निकलकर अपने घर पहुंचा। परिजन जितेंद्र को उपचार के लिए नैनबाग स्थित स्वास्थ्य केंद्र ले गए, प्राथमिक उपचार देने के बाद डाक्टरों ने उसे हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। इस पर परिजन उसे देहरादून में श्री महंत इंदिरेश अस्पताल लाए, जहां रविवार सुबह उसने दम तोड़ दिया।
एसपी औऱ डीएम का बयान
एसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत का कहना है कि प्रारंभिक जांच मेें सामने आया है कि घटनाक्रम के बाद जितेंद्र नामक युवक अपने घर गया और वहां उसने मिर्गी की दवा की डोज ली। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। एसपी का कहना है कि युवक की मौत किस वजह से हुई, इसका पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। इसके अनुरूप में मुकदमे में धाराएं बढ़ाई जाएंगी। डीएम सोनिका का कहना है कि इस मामले में सात लोगों के खिलाफ पहले ही मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद अगला कदम उठाया जाएगा। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।