देहरादून: देहरादून के सरस्वती विहार की सर्राफ लवी रस्तोगी से 2019 के अप्रैल माह में हुई लूट के आरोपी को देहरादून पुलिस कश्मीर के गुलगाम से पकड़ लाई है। इस लूट के पकड़े गए आरोपी से जब पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो, एक के बाद एक कई खुलासे कर डाले। लूट का कनेक्शन बिजनौर कोर्ट में बरसी गोलियों से भी है। बिजनौर में पुलिस अभिरक्षा में मारे गए शाहनवाज अंसारी और उसके गैंग ने अंजाम दी थी। पुलिस ने लूट में शामिल एक आरोपी को कश्मीर के कुलगाम इलाके से गिरफ्तार कर पूरी साजिश से पर्दा उठा दिया। लूट में शामिल तीन आरोपी नजीबाबाद के बसपा नेता हाजी अहसान की हत्या में जेल में बंद हैं। हिस्ट्रीशीटर शाहनवाज को पुलिस अभिरक्षा में गोलियों से भूना गया था। हमले में शाहनवाज को 11 गोली लगने की पुष्टि हुई थी।
शाहनवाज का साथी जब्बार फ रार हो गया था। इस मामले में लापरवाही के आरोप में चैकी के दरोगा समेत 12 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था। नेहरू कालोनी के सरस्वती विहार इलाके में हुई यह वारदात लंबे समय से पुलिस के लिए पहेली बनी हुई थी। डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि 15 अप्रैल 2019 को बाइक सवार तीन बदमाशों ने सरस्वती विहार स्थित सिद्धार्थ ज्वेलर्स की मालिक लवी रस्तोगी को आतंकित दिन-दहाड़े सोने और चांदी के जेवरात लूट लिए थे।
एसपी श्वेता चैबे उप निरीक्षक दीपक धारीवाला के नेतृत्व में टीम 29 दिसंबर को कश्मीर के लिए रवाना हुई। लूट में बिजनौर के शाहनवाज अंसारी के अलावा दानिश और दानिश (बड़ा) निवासी बड़ा कनकपुर और पेंटर मुकीम निवासी मुस्सापुर थाना नजीबाबाद (बिजनौर) शामिल थे।लूट के बाद 28 मई को शाहनवाज ने दानिश आदि के साथ नजीबाबाद में बसपा नेता हाजी अहसान की हत्या कर दी थी। दोनों दानिश और मुकीम तो नजीबाबाद में पकड़े गए थे, जबकि शाहनवाज और जब्बार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। 17 दिसंबर को दिल्ली पुलिस इन दोनों को अभिरक्षा में बिजनौर की सीजेएम कोर्ट में लाई थी। इसी दौरान हाजी अहसान के बेटे ने गोलियां बरसाकर शाहनवाज की हत्या कर दी थी, जबकि जब्बार बच गया था।