संवाददाता: उत्तराखंड की पौराणिक कथाओं में हिमालय की पहाड़ियों में पाई जाने वाली संजीवनी बूटियों का उल्लेख मिलता है। अब इस संजीवनी की तलाश करेगी राज्य सरकार। कांग्रेस पार्टी की हरीश रावत सरकार ने इसके लिए आयुष विभाग (आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी) की एक कमेटी बनाई है। यह कमेटी चमोली जिले के द्रोणागिरी रेंज में इसकी खोज करेगी।उत्तराखंड सरकार इस पर 25 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। हिमालय क्षेत्र में वैसे तो कई तरह के जंगली पौधे उगते हैं, जो चिकित्सीय गुणों से संपन्न होते हैं। लेकिन इस संजीवनी बूटी में जीवनदायक गुण होते हैं। यह हिमालय के ऊंचे स्थानों पर पनपती है और अंधेरे में चमकती है। रामायण में ज़िक्र है कि हनुमान ने हिमालय के एक पर्वत से लाकर इस बूटी के जरिये लक्ष्मण की जान बचाई थी। उत्तराखंड के वैकल्पिक औषधि मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने बताया, ‘हमें कोशिश करनी है और यह बेकार नहीं जाएगी। अगर हम दृढ़ निश्चय कर लें तो निश्चित रूप से हम इसे ढूंढ सकते हैं। मंत्री ने बताया, खोज का दायरा चीन की सीमा से लगे हिमालय के द्रोणागिरी रेंज में होगा जिसके एक पहाड़ का जिक्र रामायण में उस पहाड़ के रूप में है जहां यह चमत्कारिक औषधि पाई जाती थी। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार के इनकार के बाद संजीवनी की खोज के लिए राज्य सरकार ने फंड जुटाया है।