जी हां देश की दूसरी महिला IPS अंजुम आरा और उनके IAS पति युनूस ने एक ऐसी पहल की शुरुआत की है कि…इसके देखकर हर किसी को सीख लेनी चाहिए ताकि बेसहारा को सहारा मिले और किसी के सपने टूटे न.
आतंकी हमले में शहीद की बेटी को लिया गोद
दरअसल एक आईएएस और आईपीएस दम्पती ने आतंकी हमले में शहीद हुए परमजीत की 12 साल की बेटी को गोद लिया और उसे अफसर बनाने की ठानी. पति-पत्नी के इस फैसले से हर किसी को सीख लेनी चाहिए. अक्सर ऊंचे सिहासन पर बैठे अधिकारियों को गरीब जनता और शहीद की शहादत नहीं दिखती…फौजी सिपाही की अंतिम विदाई पर बस फूलों की माला चढ़ाकर दिखावा कर लिया जाता है कि हमने फर्ज पूरा किया लेकिन अशल काम इस दंपती ने किया.
अंजुम सोलन शिमला में सोलन जिला की एसपी हैं तो पति युनूस कुल्लू जिला के कलेक्टर
आपको बता दें सीमा पर देश की रक्षा करते हुए परमजीत सिंह शहीद हो गए थे. जिने इस दंपती ने गोदी लिया. आपको बता दें अंजुम सोलन शिमला में सोलन जिला की एसपी हैं तो पति युनूस कुल्लू जिला के कलेक्टर हैं।
हमारे बेटे को बहन मिल गई : दंपती
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान बार्डर एक्शन टीम के हमले में पंजाब के तरनतारन के परमजीत सिंह शहीद हो गए थे। उनकी 12 साल की बेटी ने अंतिम संस्कार किया तो यह कारुणिक दृश्य देख लोग पिघल गए थे। जिसकी खबर मिलते ही हिमांचल प्रदेश में तैनात इस अफसर दंपती ने गोद लेने का फैसला किया। दंपती ने शहीद की बेटी की पढ़ाई-लिखाई से लेकर सभी खर्च उठाने और उसे अफसर बनाने की ठानी. युनुस और अंजुम आरा ने शहीद की पत्नी व अन्य परिवारवालों से भी इस बारे में बातकर उन्हें रजामंद किया. अधिकारी दंपती का कहना है कि उनका एक छोटा सा बेटा है जिसको अब एक बहन मिल गई है.
नौकरशाह दंपती ने ठानी- बेटी को आईएएस-आइपीएस बनाएंगे
अंजुम आरा का कहना है कि शहीद की बेटी अपनी इच्छा के मुताबिक उनके साथ या फिर अपनी मां के साथ रह सकती है। बेटी चाहे जहां भी रहे मगर वह पढ़ाई-लिखाई और हर चीज में सहयोग करेंगे। अगर बेटी आइएएस या आइपीएस बनना चाहेगी तो पति-पत्नी मिलकर उसे अच्छे से गाइडेंस देंगे।
आपको बता दें ये खबर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. हमारा मकसद जागरुकता पैदा करना है ताकि इस तरह के काम से हर कोई प्रेरित हो और अपने जीवन में इस पहल को और नेक काम को उतारे.