सचिन की महानता को मापा नहीं जा सकता। एक क्रिकेटर से ज्यादा, वह भारत में एक लहर है। और आज, हम इस क्रिकेट के भगवान् के 44 वें जन्मदिन का जश्न मना रहे है, जिन्होंने अपने जीवन के 24 साल भारतीय क्रिकेट के लिए समर्पित कियें, और जब भी वह बल्लेबाजी करने आए हम सबने कभी न कभी ‘सचिन सचिन’ के नारे भी लगाये।
उनकी असाधारण प्रतिभा को सबसे पहले उनके कोच रमाकांत आचरेकर ने देखा था, और उन्ही के मार्गदर्शन में, सचिन ने महज़ 16 साल की उम्र में भारतीय क्रिकेट टीम में अपना रास्ता बनाया। उस समय, कई आलोचकों का मानना था कि वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिए तैयार नहीं थे क्योंकि वह दौर कर्टली एम्ब्रोस और डेंजिनिल मार्शल जैसे तेज गेंदबाज़ का था जिनसे कई क्रिकेटर खौफ खाते थे।
लेकिन 1989 में वेस्टइंडीज दौरे से पहले जब पहली बार उनका साक्षात्कार लिया गया तो सचिन ने डर के कोई संकेत नहीं दिखाया। उनके पहले साक्षात्कार में उनका आत्मविश्वास अद्भुत था।
देखिये सचिन तेंदुलकर का पहला इंटरव्यू
https://youtu.be/CMG1PaR4Vy4