लालकुआं,संवाददाता। लालकुआं नगर में जैसे-जैसे आबादी बढ़ रही है वैसे वैसे पूरे शहर की यातायात व्यवस्था चोक होने की कगार पर पहुंच रही है। जबकि जिन महकमों के काबिल कंधों में ये जिम्मेदारी है वो कोमा में पड़े हैं। अब आलम ये है कि वाहन मालिक अपने वाहनों को जहां जगह मिलती हैं वहीं खड़ा कर देते हैं। नतीजतन हर जगह जाम जैसे हालात पैदा होते रहते हैं बावजूद इसके आज तक कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं। जबकि लालकुआँवासी लंबे समय से नगर में एक स्थाई पार्किंग की मांग करते आ रहे हैं ताकि हालात सुधर सकें। मगर प्रशासन है कि लंबा अर्सा बीत जाने के बावजूद स्थाई क्या अस्थाई पार्किंग का भी इंतजामात न कर सका। इतना ही नहीं ट्रांसपोर्ट नगर में दाखिल होते ही हाईवे के किनारे बेतरतीब ढंग से खड़े वाहन यातायात महकमें की चुगली करते दिखाई देते हैं। हाईवे किनारे आड़े तिरछे खड़े वाहन कब किसी हादसे का सबब बन जांए कोई नहीं जानता। कई सड़क हादसे हो चुके हैं बावजूद इसके जिम्मेदार महकमों को होश नहीं आता। जनता कई बार शासन प्रशासन को पत्र भेज कर इस बदइंतजामी से निजात दिलाने की गुजारिश कर चुकी है। बावजूद इसके हालात नही सुधरते। शिकायत के कुछ दिन तक तक यातायात महकमा खूब कसरत करता दिखाई देता है लेकिंन फिर हालात वैसे ही हो जाते हैं। सबसे दिलचस्प बात ये है कि लालकुआं में ट्रांसपोर्ट नगर में स्थाई पार्किंग चुनावी मुद्दा भी है लेकिन चुनाव निबटते ही पार्किंग का संवेदनशील मुद्दा ठंडे बस्ते में चला जाता है। हालांकि लालकुआं नगर पंचायत अध्यक्ष रामबाबू मिश्रा कुछ उम्मीद जताते हैं कि फोर लेन का काम शुरू होने के साथ ही साथ ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में पार्किंग की व्यवस्था भी की जाएगी । पंचायत अध्यक्ष की माने तो लालकुआं स्थित नर्सरी गेट से लेकर वीआईपी गेट तक हाईवे किनारे पड़ी भूमि पर पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी और वन विभाग के पेड़ कटने और फोर लेन का कार्य शुरू होने के साथ ही लालकुआं में स्थायी पार्किंग अस्तित्व में आ जाएगी। बहरहाल जब तक स्थाई पार्किंग नहीं बनती तब तक स्थानीय जनता क्या दिक्कतों में ही जीती रहेगी साहब।