चतुर्थ केदार Rudranath temple के कपाट 20 मई को खुलने जा रहे हैं। जिसके लिए आज rudranath जी की डोली ने धाम के लिए प्रस्थान किया है। डोली ने गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर से अपने धाम चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के लिए प्रस्थान किया।
चतुर्थ केदार rudranath temple के लिए डोली ने किया प्रस्थान
पंचकेदार में से एक चतुर्थ केदार rudranath temple के कपाट 20 मई को खुलेंगे। जिसके लिए रुद्रनाथ जी की डोली ने आज धाम के लिए गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर से प्रस्थान किया है।
रुद्रनाथ की डोली को पूर्ण विधि-विधान और पुलिस सुरक्षा के बीच धाम के लिए रवाना किया गया। डोली आज ल्वींठी बुग्याल में ही रात्रि प्रवास करेगी। जिसके बाद 18 मई को डोली पनार बुग्याल में और 19 को मंदिर में पहुंचेंगी।
20 मई को खुलेंगे rudranath temple के कपाट
20 मई को चतुर्थ केदार rudranath के कपाट ब्रह्म मुहूर्त में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये जायेंगे। इसके लिए मंदिर में तैयारियां शुरू कर दी गई है। रुद्रनाथ मंदिर समुद्रतल से 2290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
छह महीने तक भगवान शिव पौराणिक गोपीनाथ मंदिर में निवास करते हैं। इसके बाद अब छह महीने तक भगवान रुद्र कैलाश हिमालय में भक्तों को अपने दर्शन देंगे।
Rudranath temple में भगवान के शिव के मुख की होती है पूजा
Rudranath temple भव्य प्राकृतिक छटा से परिपूर्ण है। रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शंकर के मुख की पूजा की जाती है। जबकि संपूर्ण शरीर की पूजा नेपाल की राजधानी काठमांडू के पशुपतिनाथ में की जाती है।
रुद्रनाथ यानी चतुर्थ केदार का पंचकेदारों में अपना विशेष महत्व है। यहां भगवान शिव किसी मंदिर में नहीं बल्कि एक गुफा में विराजमान हैं। गुफा में विराजमान होकर भागवान भक्तों को अपने मुख के दर्शन कराकर धन्य करते हैं।