पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मंगलवार को हुई गिरफ्तारी के बाद से ही हालात बेकाबू हैं। इमरान समर्थकों ने देश के कई शहरों में जबरदस्त तोड़फोड़ व आगजनी की है। हालात इस कदर खराब हैं कि जनता की नाराजगी से सेना भी नहीं बच पाई है। इस बीच पाकिस्तान की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा की चपेट में आए इलाकों में बुधवार को सेना की तैनाती कर दी है। बैठक के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि हालात इस कदर खराब हैं कि लोग एम्बुलेंस तक को नहीं छोड़ रहे हैं।
रिमांड पर भेजे गए इमरान
इससे पहले पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शनों के बीच एक स्पेशल कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान को बुधवार को 8 दिन के लिए भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी की रिमांड में भेज दिया, जबकि एक सेशन कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक अलग मामले में उन्हें आरोपित किया। राष्ट्र को दिए एक संबोधन में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि इमरान के समर्थकों द्वारा की गयी हिंसा में ‘संवेदनशील सार्वजनिक तथा निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा’, जिसके कारण उन्हें राजधानी इस्लामाबाद, घनी आबादी वाले सूबे पंजाब और उत्तरपश्चिम के संवेदनशील इलाकों में सेना को तैनात करना पड़ रहा है।
हिंसा की घटनाओं में 6 लोगों की मौत
बता दें कि मंगलवार को इमरान को गिरफ्तार करने के बाद इस्लामाबाद तथा अन्य प्रमुख शहरों में उनके समर्थकों ने सड़कें अवरुद्ध कर दी, उनकी पुलिस के साथ झड़पें हुई और उन्होंने पुलिस जांच चौकियों तथा सैन्य प्रतिष्ठानों में आग लगा दी। इन घटनाओं में 6 लोगों की मौत हो गयी और सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंत्रिमंडल की एक बैठक के बाद कहा, ‘पाकिस्तान की आवाम ने ऐसे दृश्य पहले कभी नहीं देखे। यहां तक कि मरीजों को एम्बुलेंस से निकाल दिया गया और उसमें भी आग लगा दी गयी।’
सेना ने इमरान समर्थकों को दी चेतावनी
शहबाज शरीफ ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने शांति नहीं बनाई तो उनसे सख्ती से निपटा जाएगा। इसके अलावा पाकिस्तानी सेना ने भी अपने प्रतिष्ठानों पर हमले को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों को ‘कड़ा जवाब’ देने की चेतावनी दी और कहा कि किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। साथ ही, सेना ने 9 मई को उसके प्रतिष्ठानों पर हमलों को देश के इतिहास का ‘काला अध्याय’ करार दिया। वहीं, इमरान समर्थक चेतावनियों के बावजूद पीछे हटने के मूड में नहीं है और जोरदार तरीके से प्रदर्शन करना जारी रखे हुए हैं।