हल्द्वानी- कुछ ही दिन पहले आरटीआई में सीएम के चाय-पानी के खर्च का खुलासा हुआ था जिसमें सामने आया कि अभी तक सीएम त्रिवेंद्र रावत ने 10 महीने के चाय-पानी में 68 लाख से अधिक रुपये खर्च किए. जिसके बाद एक बार फिर आरटीआई में प्रदेश सरकार के खर्च का खुलासा हुआ लेकिन इस बार खुलासा सरकार के हवाई खर्च का हुआ.
आपको बता दें भाजपा सरकार बनने के बाद से लेकर अभी तक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के मंत्रियों और राज्यपाल ने हेलिकॉप्टर से राज्य के दौरे बड़े पैमाने पर किए। आरटीआई में खुलासा हुआ है कि मंत्रियों की इस यात्रा पर करीब 5 करोड़ 85 लाख रुपये खर्च हुए हैं।
हल्द्वानी के है RTI कार्यकर्ता हेमंत गोनिया
हल्द्वानी के रहने वाले RTI कार्यकर्ता हेमंत गोनिया ने इस संबंध में नागरिक उड्डयन विभाग से जानकारी मांगी थी। जिसके जवाब में उन्हें 50 हवाई यात्राओं में 5 करोड़ 85 लाख रुपये खर्च होने की जानकारी दी गयी है। वहीं बाकि बची 90 हवाई यात्राओं के खर्च की जानकारी को विभाग ने देने से इनकार करते हुए कार्यालय आकर जानकारी देने की बात कही।
फिजूलखर्ची पर रोक लगनी चाहिये
आरटीआई कार्यकर्ता का कहना है कि छोटा सा राज्य उत्तराखंड जो कि पहले से आर्थिक संसाधनों की कमी और कर्ज के बोझ तले दबा हो, वहां इस तरह की फिजूलखर्ची पर रोक लगनी चाहिये।
इंदिरा हृदयेश ने सरकार को दी नसीहत
हेलिकॉप्टर से हुई फिजूलखर्ची पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सरकार को नसीहत दी है। उनका कहना है कि पहले से ही राज्य की वित्तीय हालत खराब है। कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है।
छोटे से लेकर बड़े ठेकेदारों द्वारा किये गए कार्यों का अभी तक भुगतान नहीं किया गया है, जिसकी वजह से राज्य में भुखमरी जैसे हालत पैदा हो रहे हैं। त्रिवेंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि मंत्रियों द्वारा हवाई दौरे भले ही ज्यादा होते हों, लेकिन उनके विकास कार्य जनता को बिलकुल दिखाई नहीं दे रहे हैं, क्योंकि डबल इंजन की सरकार राज्य के हित में कोई डेवलपमेंट का कार्य नहीं कर रही है।
आपको अवगत कराते चलें कि तब भी हल्द्वानी निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट हेमंत सिंह गौनियां ने ये खुलासा किया था। उन्होंने 19 दिसंबर 2017 को ये एप्लिकेशन लगाई थी।