हरिद्वार : रुड़की में फर्जी दारोगा बनकर लोगों से वसूली करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इसके आरोप में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जिसके बाद चौकाने वाला खुलासा हुआ। बता दें कि एक आरोपी दारोगा की वर्दी पहनकर कार में होता था औऱ उसके साथ दो और युवक होते थे और घटना को अंजाम दिया जता था। लेकिन इनका ये खेल ज्यादा दिन नहीं चला। तीनो को पुलिस ने धर दबोचा।
इस मामले का खुलासा सिविल लाइंस कोतवाली में एसपी क्राइम आयुष अग्रवाल ने किया। एसपी क्राइम ने बताया कि भगवानपुर पुलिस को गुरुवार को सूचना मिली थी कि सिरचंदी गांव में एक सफेद रंग की कार घूम रही है जिसमें तीन लोग सवार हैं और वसूली कर रहे हैं। बताया कि तीन में से एक ने दारोगा की वर्दी पहनी है जबकि दो युवक सादे कपड़ों में हैं। ये लोग खुद को एसटीएफ का जवान बताकर गांव वालों को धमका रहे हैं और वसूली कर रहे हैं।
सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम गांव पहुंची और उनकी घेराबंदी की। जब पुलिस ने तीनों से पूछताछ की तो उल्टा पुलिस टीम को ही आंख दिखाने लगे। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो सच्चाई उगली। एसपी क्राइम ने जानकारी दी कि आरोपितों ने अपने नाम लितेश कुमार, सरवर, निवासी क्लेमेंटाउन, देहरादून और रहीम अहमद निवासी बंसत विहार, देहरादून बताया। आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि वह ग्रामीणों को थाने ले जाने का डर दिखाकर रुपये वसूल कर रहे थे। कार को सील कर दिया गया है।
एसपी क्राइम ने बताया कि इन्होंने कितने ग्रामीणों से अवैध वसूली की है।उन्होंने बताया कि रहीम पुलिस की वर्दी पहनकर डराता था। बाकी के दो आरोपित सिपाही बनकर सौदेबाजी करते थे। इसकी जांच की जा रही है। साथ ही इनके आपराधिक इतिहास की जानकारी ली जा रही है। कार चोरी की है या इनमें से किसी आरोपित की है। इसकी जांच की जा रही है।