हरिद्वार : रुड़की की गंगनहर कोतवाली पुलिस ने प्रधान कमरे आलम की हत्या के आरोप में किराए के तीन शूटरों को गिरफ्तार किया है। 10 लाख रुपए में प्रधान की हत्या की सुपारी मुजफ्फरनगर के आरोपियों को आबिद द्वारा दी गई थी। अभी साजिश रचने के आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं।
कमरे आलम ने की थी आबिद के भाई फारुख की हत्या
आपको बता दें कि रुड़की की रामनगर कोर्ट के बाहर 20 दिसंबर की शाम बाइक सवार शूटरों द्वारा नगला कूबड़ा के ग्राम प्रधान कमरे आलम की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कमरे आलम की कमेलपुर निवासी आबिद और उसके परिवार से पुरानी रंजिश चल रही थी। आबिद और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा 2010 में कमरे आलम के भाई मुजम्मिल की हत्या की गई थी। इसके बाद 2012 में कमरे आलम ने आबिद के भाई फारुख की हत्या कर दी। कमरे आलम की हत्या के बाद पुलिस की मुख्य जांच पुरानी रंजिश से ही शुरू हुई।
मुजफ्फरनगर निवासी नसीम को कमरे आलम की हत्या की सुपारी
घटना का खुलासा करते हुए एसपी देहात स्वपनकिशोर सिंह ने बताया कि जांच में कमेलपुर निवासी आबिद और उसके बड़े भाई आसीक की संलिप्तता सामने आई। आबिद ने मुजफ्फरनगर निवासी नसीम को कमरे आलम की हत्या की सुपारी दस लाख रुपए में दी थी। आबिद की नसीम से मुलाकात उस समय हुई थी जब मुजम्मिल हत्याकांड में जेल में बंद था नसीम पर 30 से अधिक मुकदमे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में दर्ज है। वसीम ने अपने भाई नईम और सलमान को प्रधान कमरे आलम की हत्या करने के लिए भेजा। आबिद के रिश्तेदार फरहान द्वारा दोनों शूटरों को ग्राम प्रधान की पहचान करवाई गई और लंबी रेकी के बाद 20 तारीख को नईम और सलमान ने हत्या की घटना को अंजाम दे दिया। हत्या में नईम और सलमान द्वारा दिलशाद को भी शामिल किया गया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
आईजी गढ़वाल ने की पुलिस टीम को पुरुस्कार देने की घोषणा
वहीं एसपी देहात ने बताया कि खुलासा करने वाली टीम को आईजी गढ़वाल द्वारा पांच हजार रुपये व एसएसपी हरिद्वार द्वारा ढाई हजार रुपये नकद पुरस्कार की घोषणा की गई है।