रुड़की निकाय चुनाव में काग्रेस भाजपा का टिकट फाइनल होने के बाद अन्य उम्मीदवारों में खलबली मची हुई है। काग्रेस में टिकट के दावेदार रहे नेताओ ने कांग्रेस प्रत्याशी श्रेष्ठा राणा को कानून के अनुसार गलत प्रत्याशी ठहराया है. कांग्रेसियों का कहना है कि श्रेष्ठा राणा के पति निवर्तमान मेयर यशपाल राणा पर नगर निगम की जमीन बेचने के आरोपी है, इसके चलते यशपाल राणा या उनके परिवार के सदस्य चुनाव नहीं लड़ सकते। ऐसे में श्रेष्ठा राणा को मेयर पद का प्रत्याशी बनाए जाना सीधे सीधे भाजपा को फ़ायदा पहचाना है। उन्होंने साफ लफ़्ज़ों में कहा पार्टी श्रेष्ठा राणा का टिकट बदलकर काग्रेस के सच्चे सिपाही को प्रत्याशी बनाए।
बता दे कि रुड़की निगम का चुनाव पूरी तरह से चुनावी मोड़ में है। एक दिन पहले ही कांग्रेस और भाजपा ने अपने अपने प्रत्याशियों के नामो का ऐलान किया था तभी से बगावत के सुर सुनाई दे रहे थे। आज रुड़की के एक होटल में काग्रेस की ओर से मेयर पद के दावेदार रहे नेताओ ने प्रेस कांफ्रेस की। लगभग आधादर्जन नेताओ ने एक सुर में कहा कि काग्रेस हाईकमान ने श्रेष्ठा राणा को पार्टी का उम्मीदवार बनाकर भाजपा को वॉकओवर देने का काम किया है। जबकि घोषित प्रत्याशी श्रेष्ठा राणा के पति यशपाल राणा पर नगर निगम की जमीन बेचने का आरोप है। जो मान्य हाईकोर्ट में चल रहा है। ऐसे में यशपाल राणा व उनके परिवार के सदस्यों पर चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध है. इसके बावजूद पार्टी हाईकमान ने यशपाल राणा की पत्नी श्रेष्ठा राणा को कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित किया है।
कांग्रेसजनों ने बताया की हमने पार्टी हाईकमान और उच्चाधिकारियों को पूरे मामले से अवगत करा दिया है, पार्टी हाईकमान तमाम पहलुओ पर गौर करते हुए श्रेष्ठा राणा का टिकट बदले और अन्य दावेदारों में से किसी को भी टिकट देकर मजबूती से चुनाव लडाए। पत्रकारों से सवाल पर कांग्रेसियों ने ये भी साफ किया है कि यदि इसके बाद भी पार्टी प्रत्याशी न बदलती तो वह पार्टी के साथ खड़े है, और काग्रेस प्रत्याशी को ही मजबूती के साथ चुनाव लड़ाएंगे।