देहरादून (मनीष डंगवाल): उत्तराखंड परिवह निगम में निशुल्क यात्रा के नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। निगम ने नियमों में बदलाव का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जिस पर कैबिनेट की मुहर लगनी भर बाकी है। कैबिनेट की मुहर लगते ही रोडवेज की बसों में निशुल्क यात्रा पर ब्रेक लग जाएगा।
वृद्धजनों पर सबसे पहले लागूं
अगर आप परिवहन निगम की बस में निशुल्क यात्रा कर रहे हैं तो, अब उन 22 विशेष श्रेणियों में के लिए आपको किराया चुकाना होगा, जिनके तहत अब तक फ्री यात्रा कर रहे थे। बस में आपको किराया देकर ही सफर करने दिया जाएगा। नये नियम के मुताबिक लोगों को पहले तो किराया देना होगा, लेकिन बाद में आपको 15 दिनों के भीतर किराया वापस लौटा बैंक खाते में दिया जाएगा। परिवहन निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन का कहना है कि पहले चरण में केवल वृद्धजन, जो 65 साल से अधिक उम्र के ऊपर के हैं और निशुल्क यात्रा करते हैं। उनके लिए इसे लागू किया जाएगा।
बैंक खाते में वापस आएगा किराया
डीबीटी के माध्यम से भी वही यात्री निःशुल्क यात्रा का लाभ ले सकेगा जो, निगम की ओर से जारी किए गए रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन कार्ड बनायेगा। कार्ड में माइक्रो चिप लगी होगी, जिसके माध्यम से कार्ड बनवाते वक्त रजिस्ट्रेशन के साथ एक आधार कार्ड और बैंक अकाउंट का नंबर यात्रियों को देना होगा। बाद में परिवहन निगम उस अकाउंट में किराए की धनराशि को वापस कर देगा। कार्ड बनाने के लिए 50 रूपये खर्च करने होंगे। इसे डाक के माध्यम से भी यात्रियों के घर पहुंचाया जाएगा।
सरकार पर 12 करोड़ से अधिका का बकाया
उत्तराखंड सरकार 22 विशेष श्रेणियों के तहत निःशुल्क यात्रा का लाभ देती है। जनकल्याणकारी योजनाओं में परिवजन निगम का सरकार पर 12 करोड़ से अधिका का बकाया है। अगर सरकार नया नियम लागू कर देती है तो फिर निगम का बकाया सरकार पर नहीं होगा। निःशुल्क यात्रा की राशि 15 दिन के भीतर परिवहन विभाग चुकाएगा। इससे यह होगा कि निगम को निःशुल्क यात्रा के झंझट और बकाये से मुक्ति मिल जाएगी।