देहरादून- शहर की सड़कें 2025 तक पैदल चलने लायक भी नहीं रह जाएंगी। जिस तेजी से हर वर्ष वाहनों की संख्या बढ़ रही है, उस लिहाज से अगले सात सालों में यह आंकड़ा 15 लाख के पार हो जाएगा। यातायात पुलिस और यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) के संयुक्त अध्ययन में यह चिंताजनक तस्वीर सामने आई है।
अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार शहर में करीब 72 किमी लंबी सड़कों का जाल है। इनमें कुछ सड़कें अत्यंत महत्वपूर्ण और सबसे ज्यादा यातायात का दबाव झेलती हैं। इनमें विशेष तौर पर आईएसबीटी से घंटाघर, हरिद्वार रोड, राजपुर रोड, चकराता रोड शामिल हैं। अभी शहर में निकलने वाला व्यक्ति औसतन सात से 20 मिनट तक जाम में फंसता है। लेकिन जिस हिसाब से शहर में वाहनों की संख्या बढ़ रही है, उसके अनुसार वर्ष 2025 में हर वाहन करीब एक से डेढ़ घंटे तक जाम में फंसा रहेगा। उपर से देहरादून में सड़क हादसों का ग्राफ भी काफी बढ़ा है जो कि चिंता का विषय है.
पैदल चलने वालों तक को जाम में फंसना पड़ेगा
स्थिति यह रहेगी की प्रमुख सड़कों पर पैदल चलने वालों तक को जाम में फंसना पड़ेगा।अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर दून में यातायात सुधार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्य शहर में यातायात का दबाव कम करने के लिए रिपोर्ट में जो सुझाव दिए गए हैं, उनके अनुसार काम किया जा रहा है। वैकल्पिक सड़क, फ्लाईओवर या पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।