हरिद्वार: कावंड़ यात्रा से पहले सरकार ने तमाम दावे किए थे। कावंड़ पटरी को सुधारने की बात कही गई थी। उसमें भी गहरे गड्ढे और झाड़ियों से कावंड़ियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अब कांवड़ियों के वाहन हरिद्वार में गहरे गड्ढों में फंस रहे हैं। दिल्ली- हरिद्वार हाईवे पर कीचड़ वहनों के लिए तो परेशानी खड़ी कर रही रहा है। पैदल कांवड़ियों को भी चलने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार कह रही है कि आज मौसम साफ रहा तो आज ही वरना 28 जुलाई यानि कल कावंड़ियों पर हेलीकाॅप्टर से फूल बरसाएंगे। सरकार के फूल बरसाने के दावे को लेकर और तो और कावंड़िये भी खुश नहीं हैं। उनको कहना है कि बस सड़कों के गड्ढों को ठीक करा दीजिए।
कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले शासन और प्रशासन ने शिवभक्तों को सुविधाएं देने के लिए कई दावे किए गए। शिवभक्तों के स्वागत के लिए पलक पावड़े बिछाने की बातें भी हुई। सरकार की तरफ इस बार यहां भी कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा करने की बातें की गई। अब जबकि यात्रा अपने अंतिम चरण में है तो पुष्प वर्षा तो छोड़िए कांवड़ियों को पैदल चलने के लिए गड्ढा मुक्त हाईवे नसीब नहीं हो सका। यात्रा शुरू होने से पहले कांवड़ मेले को कुंभ का रिहर्सल मानते हुए प्रदेश सरकार लगातार फोकस बनाए हुए थी।
पूरा मेला क्षेत्र बारिश के बाद दलदल में तब्दील है। पानी निकासी के इंतजाम नहीं होने से कीचड़ में निकलना मुश्किल हो रहा है। शौचालयों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई। शासन और प्रशासन खुद दावा करता रहा है कि इस बार कांवड़ में तीन करोड़ श्रद्धालु आएंगे। रोडी बेलवाला और पंतदीप आदि क्षेत्रों में शौचालयों के बाहर लंबी कतारें लग रही हैं। कांवड़ियों को एक घंटे तक का इंतजार करना पड़ रहा है। शौचालय के संचालकों पर 50 से लेकर सौ रुपये तक वसूलने का भी आरोप लगाया है। कांवडिए खुले में ही शौच कर गंगा के तटों को मैला कर रहे हैं।