जब भाजपा में आने के बाद कोई दागी नहीं रहता तो फिर दाग का जिक्र बार-बार क्यों ?
ब्यूरो- केदार आपदा घोटाला सूबे के लिए चुनावी साल मे विक्रम वेताल के किस्सों में शामिल बेताल की तरह हो गया है। उन किस्सों में बेताल जैसे विक्रम को किस्सा सुनाता था और सवाल पूछता था वैसे ही केदार आपदा घोटाले का हाल भी है।आजकल ये बेताल के माफिक भाजपा के कंधे पर सवार होकर भाजपा के नए नेताओं को असहज कर रही है।
जनता के सामने भाजपा के नेता भूल रहे हैं कि जिन के कार्यकाल में केदार आपदा घोटाला सुर्खियां बना था वो भाजपा के कंधे पर ही सवार हैं। भाजपा उस घोटाले को बेहद संगीन मानती रही है, लिहाजा जनसमूह के सामने उसका जिक्र कर वाह-वाही लूटने की फिराक में रहती है।
देहरादून मे जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भी केदार घोटाले का जिक्र किया था और स्कूटर की टंकी पर 30 लीटर पैट्रोल पीने का आरोप लगाया था। अब प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू ने भी ऋषिकेश में केदार घोटाले का जिक्र उस वक्त कर दिया जब वे ऋषिकेश में भाजपा प्रत्याशी प्रेमचंद अग्रवाल के चुनावी कार्यालय का उदघाटन कर रहे थे।
बहरहाल बड़ा सवाल ये है कि आखिर भाजपा के बड़े नेता बार-बार अब अपने रंगरूट को ही क्यों जुबानी हमलों से जख्मी कर रहे हैं ? जबकि भाजपा के पुराने एक बड़े नेता अपने बिरादरी में शामिल होने पर यहां तक कह चुके हैं कि भाजपा मे आने के बाद कोई दागी नहीं रहता। बावजूद इसके दाग का जिक्र किया जा रहा है। अब होने वाले असहज न हों तो क्या हों !