देहरादून- सतपाल महाराज के ड्रीम प्रोजेक्ट ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के बारे में आईआईटी रुड़की के भूकंप अभियांत्रिकी विभाग ने अपनी रिपोर्ट रेल विकास निगम को सौंप दी है।
आईआईटी रुड़की ने रेल विकास निगम को अपने अध्ययन के आधार पर रेल लाइन के बारे में आगाह करते हुए कहा कि, 126 किमी लम्बी ऋषिकेश-कार्णप्रयाग रेल लाइन के नीचे 7.5 से आठ रिक्टर स्केल तक के भूकंप का खतरा है।
आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों ने रेलवे लाइन के प्रस्तावित रूट का अध्ययन करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है। इस बारे में रेल विकास निगम को प्रारंभिक रिपोर्ट दे दी गई है।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन के तहत 16 बड़े पुल प्रस्तावित हैं। 100 से 500 मीटर लंबे इन पुलों को किस तीव्रता के भूकंप को ध्यान में रख डिजायन किया जाए, इसके लिए रेल विकास निगम ने आईआईटी रुड़की को इसकी संभावना पर रिपोर्ट देने को कहा था। इसका पहला चरण पूरा हो गया है।
आईआईटी रुड़की के भूकंप अभियांत्रिकी के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर योगेंद्र सिंह ने बताया कि रेलवे लाइन चार प्रमुख थ्रस्ट के ऊपर से होकर गुजरेगी इसलिए इस क्षेत्र में बड़े भूकंप की प्रबल संभावना है।
उन्होंने बताया कि रेलवे लाइन के डिजायन के लिए इस क्षेत्र के तीन सौ किमी परिधि का अध्ययन कर रिपोर्ट दी गई है और इसके बाद अब अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन जोन फोर में आती है। इसलिए यहां पहले ही बड़े भूकंप का खतरा है। उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट के बाद अब रेल विकास निगम प्रस्तावित पुलों का डिजायन भूकंप जोन के खतरे को देखते हुए तैयार कराएगा।