देहरादून : डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है क्योंकि डॉक्टर ही एक ऐसा शख्स होता है जो किसी को मौत के मुंह में जाने से बचा सकता है और मरते-मरते किसी इंसान की जान बचा भी सकता है. डॉक्टर ही है जो किसी परिवार की उम्मीदों को खुशियों का वापस ला सकता है जब किसी अपने की तबीयत खराब हो या दुर्घटना हुई हो. धरती पर एक डॉक्टर ही साक्षात ईश्वर का काम करता है.
डॉक्टरों ने किया हैरान कर देेने वाला कारनामा
वहीं देहरादून ऋषिकेष एम्स के डॉक्टरों ने ऐसा कारनामा कर डाला की जिसने सुना हैरत में पढ़ गए. जी हां ऋषिकेश एम्स में एक बड़ी सर्जरी को अंजाम दिया है…जिससे सर्जरी टीम की भूरी-भूरी प्रशंसा की गई.
अंगूठे का वोट डालने के समेत कई कामों पर अहम योगदान
सभी को मालूम है की दोनों हाथों में पांच-पांच उंगलियां होती है…कोई बहुत ही कम लोगों की एक हाथ में पांच के अलावा ठछी उंगली भी होती है जिसे भाग्यशाली माना जाता है…लेकिन अगर कोई एक उंगली न हो तो हाथ वो सभी काम कर पाने में असमर्थ हो जाता है जो हम दैनिक दिनचर्या में करते हैं…जैसे लिखना…खाना बनाना…खाना…और रही बात वोट देने की तो अंगूठा सबसे जरुरी होता है..
बच्चे की तर्जनी उंगली का जटिल ऑपरेशन कर अंगूठा बनाने में सफलता पाई
ऋषिकेष एम्स में एक ऐसा सर्जरी का मामला सामने आया है जिसमें हड्डी रोग विभाग के चिकित्सकों की टीम ने बच्चे की तर्जनी उंगली का जटिल ऑपरेशन कर अंगूठा बनाने में सफलता पाई। अब इस ऑपरेशन के बाद बच्चा अपने अंगूठे का उपयोग कर हाथ से भी काम कर सकेगा। जी हां डॉक्टरों ने 4 साल के बच्चेे की तर्जनी उंगली की जटिल सर्जरी कर उसे अंगूठे में बदला.
एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रविकांत ने जटिल सर्जरी के लिए चिकित्सकीय टीम की सराहना की है। उन्होंने बताया कि संस्थान मरीजों को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करा रहा है। उन्होंने कहा कि कोशिश है कि मरीजों को एम्स ऋषिकेश में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें व उन्हें उपचार के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़े।