पिथौरागगढ़: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में एक के बाद एक कई कहानियां सामने आ रही हैं। ये ऐसी कहानियां हैं, जो लोगों को प्रेरित करती हैं। लोगों को जागरूक करती हैं। ऐसी ही एक कहानी प्रवीण कुमार की है। जो अपने जन्म के 25 साल बाद वापस गांव लौटे और गांव के प्रधान भी बन गए। प्रवीण की उम्र अभी केवल 25 साल है।
प्रवीण कुमार गुजरात के वलसाड में जन्मे। उनको अपने गांव लेपार्थी लौटे अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है, लेकिन उन्होंने बहुत कम समय में ग्रामीणों का दिल जीतकर प्रधान पद पर जीत हासिल कर ली। कंप्यूटर में माहिर प्रवीण कुमार टम्टा अब ग्रामीणों को उनके लिए चलाई गईयोजनाओं का लाभ दिलाना चाहते हैं।
प्रवीण कुमार के पिता मोहन टम्टा गुजरात में अग्निशमन विभाग में कार्यरत हैं। मोहन टम्टा गुजरात जाकर भी कभी अपने मूल गांव को नहीं भूले। कुछ समय पहले वो गांव में मकान बनाने आए। इसी बीच मकान के लिंटर से गिरकर गंभीर रूप से चोटिल हो गए। प्रवीण कुमार अपने पिता की देखरेख के लिए गांव पहुंचे। जब उन्होंने गांव को पिछड़ा देखा तो उन्होंने ग्रामीणों को सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। इसी बात ने गांव वालों का दिल जीत लिया और उनको प्रधान बना दिया।