दिल्ली: जेएनयू हिंसा मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. आरटीआई से मिली एक जानकारी में पता चला है कि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में बैक डेट से एफआईआर दर्ज की है. रिपोर्ट के मुताबिक जेएनयू के सर्वर रूम में तोड़फोड मामले में दिल्ली पुलिस ने दो मामला दर्ज किया है. इसके मुताबिक 1 जनवरी और 4 जनवरी को सर्वर रूम में तोड़फोड़ की गई थी, लेकिन आरटीआई के तहत मिली जानकारी में पता चला है कि 1 तारीख को तोड़ फोड़ की कोई घटना नहीं हुई है.
सूचना अधिकार में खुलासा
दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के सर्वर रूम को नुकसान पहुंचाने के लिए 2 एफआईआर दर्ज की थी. इसके मुताबिक 1 जनवरी 2020 और 4 जनवरी 2020 को लेफ्ट से जुड़े छात्र सगंठनों के सदस्यों ने सर्वर रूम में हिंसा की थी. इस दौरान jnu की छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष भी शामिल थी. RTI से मिली एक जानकारी दूसरी ही बात कहती है. आरटीआई में बताया गया है कि 1 जनवरी को सर्वर रूम में तोड़फोड़ की कोई वारदात नहीं हुई है. आरटीआई में पूछा गया था कि 25 दिसंबर 2019 से 8 जनवरी 2020 तक तोड़ फोड़ की कितनी घटनाएं हुई, जबकि जेएनयू का मुख्य सर्वर डाउन था.