देहरादून- कहते हैं एक सफल छात्र या बच्चे के पीछे माता-पिता का हाथ तो होता ही पर साथ ही एक शिक्षक का भी अहम रोल होता है. जो बच्चों को सही राह दिखाता है और उसके उज्जवल भविष्य की कामना के साथ मेहनत करता है. एक ऐसे ही शिक्षक हैं कैलाश चंद्र मैठानी जिन्होंने अपनी महनत और बच्चों की लग्न के साथ 500 छात्र-छात्राओं को उनकी मंजिल तक पहुंचाया. जो आज सरकारी उच्च पदों पर बैठे लोगों को सेवा दे रहे हैं.
20 नवम्बर 1979 को एक शिक्षक के रूप में अपनी सेवा की शुरू
जी हां कैलाश चंद्र मैठाणी प्रधानाचार्य राजकीय इंटर कॉलेज माजरीग्रांट डोईवाला देहरादून से आज सेवानिवृत्त हो गए. कैलाश चंद्र मैठाणी ने बतौर अध्यापक 20 नवम्बर 1979 को एक शिक्षक के रूप में अपनी सेवा शुरू की ओर पर्वतीय क्षेत्र के कई नौनिहालों का भविष्य संवारा है और छात्र-छात्राओं के लिए दशा और दिशा दोनों ही तय की. जो आज सरकारी उच्च पदों पर रहकर लोगों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
उत्तराखंड के कई जिलों में सफर किया तक
इतना ही नहीं चमोली जनपद के दूरस्थ इलाकों से लेकर उत्तरकाशी के कोने-कोने तक और फिर टिहरी होते हुए देहरादून का सफर एक शिक्षक के साथ ही प्रधानाचार्य के पद तक का सफर कैलाश चंद्र मैठाणी ने पूरा किया है. इतना ही नहीं कैलाश चंद मैठाणी ने NCC में रहते हुए एएनओ के पद पर 20 साल तक अपनी सेवाएं दी है.
अनुशासन, कड़क आवाज और रौबदार व्यवहार
वहीं यूपी स्वतंत्र कंपनी वाहिनी में सामाजिक अधिकारी के रूप में कार्य किया इसके बाद राजीव गांधी नवोदय विद्यालय देहरादून में उप प्रधानाचार्य के पद पर कार्य किया. जीव विज्ञान में पारंगत कैलाश चंद्र मैठाणी को आज भी कई छात्र-छात्राएं उनके अनुशासन, उनकी कड़क आवाज ,उनका रौबदार चलना उसको याद करते हुए पर्वतीय क्षेत्र के विकास में और प्रदेश के मुस्तकबिल को अपने पैरों में खड़ा करने के लिए मकसद देने के लिए गुरु के रुप में कैलाश चंद मैठाणी को याद करते हैं।
भले ही कई नामी प्राइवेट स्कूल और कॉलेज पर्वतीय क्षेत्रों में खुल गए हो, उसके बावजूद भी आज सरकारी स्कूलों में एक प्रवक्ता के रूप में, एक विशेषज्ञ के रूप में और एक अनुशासित प्रधानाचार्य के रूप में लोग कैलाश चंद मैठाणी की सेवाओं को याद करते हैं और उम्मीद करते हैं कि कैलाश चंद मैठाणी के पदचिन्हों पर चलते हुए जो नए शिक्षक हैं या प्रधानाचार्य हैं उनके नक्शे कदम पर चलते हुए वर्तमान के साथ-साथ भविष्य के मुस्तकविल को मुस्तैदी के साथ तैयार कर सकें।
देश में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं देने वाले कैलाश चंद्र मैठाणी के विद्यार्थी आज भी उनको ही नजीर मानते हैं और सरकारी सेवाओं के साथ-साथ सरकारी शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कैलाश चंद मैठाणी जैसे गुरुजनों की आवश्यकता पर ही जोर देते हैं. कैलाश चंद्र मैठाणी आज सेवानिवृत्त हो गए हैं इस दौरान राजकीय इंटर कॉलेज माजरीग्रांट के कई शिक्षक मौजूद रहे.