देहरादून : प्रदेश को बने 18 साल से ज्यादा वक्त हो चुका है लेकिन अभी तक मानव विकास सूचकांक की रिपोर्ट प्रदेश में प्रस्तूत नही कि गई थी. लेकिन सोमवार को वित्त मंत्री प्रकाश पंत के सामने मानव विकास सूचकांक की रिपोर्ट रखी गयी. जिसके बाद अधिकारियों के साथ वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने ड्राफ पर चर्चा की. राज्य की प्रतिव्यकित की आर्थिकी, सामाजिक स्थिती को लेकर रिपोर्ट मे सर्वेक्षण किया गया है. साथ ही मानव विकास सूचकांक से राज्य में रोजगार पैदा करने को लेकर चर्चा की गई है.वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने ड्राफ पर अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद मीडिया को बताया की ड्राफ मे फोकस किया गया है की पिछले 18 सालों मे प्रदेश की स्थिताी में कितना सुधार हुआ है. साथ ही प्रदेश के आए के साथ साथ आम आदमी के रहन सहन मे कितना परिवर्तन हुआ है. साथ ही कृषि के व्यवसाय को भी बढ़ाया जा सकता है इसपर भी इंडिकेट किया गया है.
वित्त मंत्री प्रकाश पन्त जी ने सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन में अर्थ एवं सख्यां निदेशालय, नियोजन विभाग के मार्गदर्शन में इन्स्टीटयूट फॉर हयूमन डेवलेपमेन्ट द्वारा तैयार की जा रही राज्य की प्रथम मानव विकास रिपोर्ट के विश्लेषण के उद्द्श्य से आयोजित राज्य स्तरीय सम्मेलन में प्रतिभाग किया।
राज्य में प्रति व्यक्ति की आर्थिक, सामाजिक स्थिति को लेकर सर्वेक्षण किया गया
सम्मेलन में राज्य में प्रति व्यक्ति की आर्थिक, सामाजिक स्थिति को लेकर सर्वेक्षण किया गया। प्रस्तुत रिपोर्ट में मानव विकास के मूलभूत तीन विषयों के अतरिक्त राज्य के प्रमुख ग्रोथ ड्राईवर्स के अनुरूप मानव विकास रिपोर्ट तैयार करने एवं यह रिपोर्ट राज्य के नीति नियोजन के लिए अधिक प्रभावी हो इस पर गंभीरता से विचार किया गया। यह भी उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था यूएनडीपी द्वारा वर्ष 1990 से प्रति वर्ष मानव विकास सूचकांक एवं सापेक्षिक रैंक निर्धारित की जाती है। यूएनडीपी के अनुसार यद्यपि ये चुनाव अनेक हो सकते हैं तथा समयोपरान्त इनमें परिवर्तन हो सकता है तथापि मानव विकास हेतु तीन मूल चुनाव हमेशा बने रहते हैं।
मानव विकास सूचकांक से रोजगार के अवसर खुलेंगे
मंत्री प्रकाश पंत ने कहा मानव विकास सूचकांक से रोजगार के अवसर खुलेंगे मानव जीवन प्रकृति के विकास की सतत चलने वाली प्रक्रिया है। जिसमें मनुष्य की के लिए प्रथम तो स्वास्थ्य एवं दीर्घकाल तक जीवित रहने की इच्छा जिसे जन्म पर जीवन प्रत्याशा के रूप में मापा जा सकता है, दूसरा ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा जिसे विद्यालय शिक्षा के औसत वर्ष तथा प्रत्याशित वर्षों के रूप में मापा जा सकता है और तीसरा एक बेहतर जीवन के लि क्रय शक्ति तक पहुंच जिसे वास्तविक प्रति व्यक्ति आय के रूप में मापा जा सकता है। इन तीन मानबिन्दुओं के अतिरिक्त भी जीवन के अनेकों दृष्टिकोण हैं और जीवन को सर्वांग रूप से देखा जाना चाहिए।
यह रिपोर्ट 18 वर्षो के पश्चात तैयार की जा रही है- प्रकाश पंत
इसी के साथ मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि कुछ समय पूर्व मुख्यमंत्री ने सतत विकास लक्ष्यों के दृष्टिकोण से तैयार विजन 2030 का विमोचन किया गया जिसमें 17 सतत विकास लक्ष्यों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने के लिए स्पष्ट दृष्टिकोण दिया गया. साथ ही रिपोर्ट के संबंध में मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि यद्यपि राज्य की यह रिपोर्ट 18 वर्षो के पश्चात तैयार की जा रही है तथापि विलम्ब से प्रकाशित होने से प्रकाशित होने का फायदा यह रहा है कि रिपोर्ट में मानव विकास के मूलभूत तीनों विषयों के अतरिक्त राज्य के प्रमुख ग्रोथ ड्राईवर्स के अनुरूप राज्य की मानव विकास रिपोर्ट तैयार तैयार की गई है तथा राज्य के नीति नियोजन हेतु अधिक प्रभावी होगा।
सम्मेलन में सचिव वित्त, अमित नेगी, सचिव शिक्षा भूपेन्द्र कौर ओलख,सचिव पेयजल अरविन्द सिंह हयाकी अध्यक्ष चतुर्थ राज्य वित्त आयोग एवं पूर्व उप कुलपति कुमांऊ विश्वविद्यालय प्रो. बी.के जोशी एवं अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहें।