देहरादून : सरकार जल्द डिग्री कॉलेजों में पढ़ने वाले करीब सवा लाख स्टूडेंट की जेब की करने की तैयारी कर रही है। सरकार ने डिग्री कॉलेजों में करीब 25% फीस बढ़ोतरी का प्लान तैयार कर लिया है। इससे एक बात साफ है कि प्रदेश में उच्च शिक्षा महंगी होने जा रही है।फीस बढ़ोतरी के पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि जो फीस बढ़ाई जाएगी। उससे डिग्री कॉलेजों की मरम्मत का काम किया जाएगा। यानी सरकार अब लोगों की जेब से पैसा निकाल कर डिग्री कॉलेजों की मरम्मत में लगाएगी।
फीस बढ़ोतरी के लिए बनाई गई कमेटी ने रिपोर्ट तैयार कर ली है और जल्द इसे शासन को भेज दिया जाएगा। शुल्क ढांचे में बदलाव कर छोटी मदों को खत्म कर इसकी जगह छात्रों से लघु मरम्मत शुल्क लिया जाएगा। इस शुल्क से महाविद्यालयों की मरम्मत सहित अन्य कार्य किए जाएंगे। इसके साथ ही कुछ मुद्दों को समाप्त भी किया जा रहा है।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने हाल ही में उच्च शिक्षा में फीस संशोधन के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। उच्च शिक्षा के पूर्व प्रभारी निदेशक बीएस बिष्ट की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी ने रिपोर्ट तैयार कर ली है।
रिपोर्ट के अनुसार फीस की 37 मदों में से कुछ मदों को खत्म करने की सिफारिश की गई है। पहाड़ के महाविद्यालयों में साइकिल स्टैंड मदों को खत्म किया जा सकता है। लेकिन लघु मरम्मत शुल्क के रूप में छात्र-छात्राओं की जेब पर हर साल डेढ़ सौ रुपये तक का बोझ पड़ सता है। विज्ञान के छात्रों अओ सबसे अधिक फीस देनी होगी।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि स्नातक में कॉमर्स की फीस 250-300 रुपये, कला संकाय में 300-350 और विज्ञान संकाय के सटूडेंट को हर महीने 350-400 रुपये फीस देनी पड़ सकती है।